सुषमा स्वराज ने एससीओ देशों से भारत की आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में मांगा सहयोग
सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा सकता है।
सोच्चि (रूस):
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लगातार प्रयासों के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों से इस वैश्विक संकट के खिलाफ लड़ाई में सहयोग मांगा।
एससीओ परिषद के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की 16वीं बैठक में सुषमा ने कहा, 'शुरू से ही भारत आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा करता है।'
उन्होंने कहा, 'आतंकवाद के किसी कृत्य को चाहे वह कुछ भी हो, उसे समर्थन नहीं दिया जा सकता। हम एससीओ ढांचे को लगातार मजबूत करने, साथ काम करने और व्यापक, सहयोग व स्थायी सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।'
उन्होंने एससीओ व एससीओ-क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचा (आरएटीएस) के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए इलाके में एक मजबूत सुरक्षा-व्यवस्था तैयार करने का आह्वान किया।
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भारत, पाकिस्तान के साथ इस साल जून में एससीओ में शामिल होने वाला पहला दक्षिण एशियाई राष्ट्र बना है। एससीओ को 2001 में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान व तजाकिस्तान द्वारा सुरक्षा मुद्दों पर बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था।
सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा सकता है। उन्होंने कहा कि यह पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है।
उन्होंने कहा, 'इसलिए भारत आतंकवाद से मुकाबले के लिए सभी राष्ट्रों से खुफिया साझेदारी में सहयोग बढ़ाने, कानून प्रवर्तन, अच्छे कार्यो व प्रौद्योगिकी को विकसित करने, परस्पर कानूनी सहयोग, प्रत्यर्पण व्यवस्था, क्षमता निर्माण के अन्य उपायों को बढ़ावा देने का आग्रह करता है।'
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