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सुषमा ने की हसीना से फोन पर बात, कहा- म्यांमार पर रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने का बना रहे दबाव

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक सहयोगी ने बताया है कि सुषमा स्वराज ने कहा है कि भारत म्यांमार पर दबाव बना रहा है कि वो रोहिंग्या अल्पसंख्यकों को वापस ले।

Updated on: 15 Sep 2017, 07:34 PM

नई दिल्ली:

रोहिंग्या संकट पर विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने बांग्लादेश के रुख को समर्थन देने की बात कही है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक सहयोगी ने बताया है कि सुषमा स्वराज ने कहा है कि भारत म्यांमार पर दबाव बना रहा है कि वो रोहिंग्या अल्पसंख्यकों को वापस ले।

फोन पर सुषमा स्वराज ने गुरुवार की रात बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से बातचीत की थी और भारत का पक्ष सामने रखा।

इस समय तीन लाख से भी ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी बनकर बांग्लादेश चले आए हैं।

शेख हसीना के उप प्रेस सेक्रेटरी नज़रुल इस्लाम ने बताया, 'उन्होंने हमारी प्रधानमंत्री को फोन किया और म्यांमार शरणार्थी संकट पर अपने देश के समर्थन की बात कही है।'

उन्होंने बताया कि सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से कहा रोहिंग्या संकट एक अंतरराष्ट्रीय संकट बन गया है। भारत म्यांमार पर अपनी तरफ से और अन्य देशों से भी दबाव डलवा रहा है कि वो रोहिंग्या मुस्लिम को वापस ले।

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प्रेस सेक्रेटरी ने बताया कि शेख हसीना ने स्वराज से कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश में मानवीय आधार पर शरण देना पड़ा है। क्योंकि उन्हें अत्याचार से बचने के लिये अपना देश छोड़कर आना पड़ा है।

शेख हसीना ने सुषमा स्वराज से कहा, 'शरणार्थियों से निपटने के लिये बांग्लादेश को बाहरी मदद की ज़रूरत पड़ेगी। ताकि उन्हें वापस भेजा जा सके।'

प्रेस सेक्रेटरी ने बताया कि प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि शरणार्थियों के लिए अस्थायी इंतजाम की खातिर जमीन दे दी है, लेकिन वे लंबे समय तक रहते हैं तो इससे बड़ी समस्या पैदा होगी।

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स्वराज ने उस समय बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से बात की जब भारत ने बांग्लादेश में आए रोहिंग्या शरणार्थियों के लिये मदद भेजी है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बांग्लादेश को हर संभव मदद देने का भरोसा भी दिया।

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