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पाकिस्तान: मुश्किल में पड़े शरीफ तो भाई शहबाज़ बन सकते है अगले पीएम

मंगलवार को जेआईटी (संयुक्त जांच दल) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद नवाज़ शरीफ़ ने सबसे पहले एक अति महत्वपूर्ण मीटिंग बुलाई।

Updated on: 13 Jul 2017, 10:28 AM

highlights

  • नवाज़ शरीफ़ परिवार पर मंडराते बादल के बीच उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा काफी तेज़ हो गई है
  • जेआईटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद नवाज़ शरीफ़ ने मीटिंग बुलाई
  • इस मीटिंग में पंजाब सीएम के अलावा उनके भाई शहबाज़ शरीफ़ समेत उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के कई बड़े नेता भी मौजूद थे

नई दिल्ली:

पनामागेट मामले में पाकिस्तान के पीएम नवाज़ शरीफ़ परिवार पर मंडराते बादल के बीच उनके उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा काफी तेज़ हो गई है।

मंगलवार को जेआईटी (संयुक्त जांच दल) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद नवाज़ शरीफ़ ने सबसे पहले एक अति महत्वपूर्ण मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में पंजाब सीएम के अलावा उनके भाई शहबाज़ शरीफ़ समेत उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के कई बड़े नेता भी मौजूद थे।

मीटिंग बुलाए जाने के बाद से ही नवाज़ के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा शुरु हो गई। पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की माने तो नवाज़ शरीफ़, उनकी बेटी और बेटों समेत पनामागेट मामले में बुरी तरह से फसते नज़र आ रहे हैं। ऐसे में शहबाज़ शरीफ़ परिवार में सबसे बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरे हैं।

बता दें कि जेआईटी ने पनामा गेट मामले में शरीफ़ परिवार की भुमिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी हैं। जिसके बाद नवाज़ शरीफ़ ने वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा के लिए मीटिंग बुलाई थी। ऐसे महत्वपूर्ण मीटिंग में शहबाज़ शरीफ़ को बुलाए जाने के बाद संभावना व्यक्त की जा रही है कि भावी उत्तराधिकारी पर चर्चा के लिए मीटिंग का का आयोजन किया गया था।

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पीएमएल-एन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) के एक सीनियर लीडर ने कहा, 'शहबाज शरीफ फिलहाल अपनी चालें बेहद संभालकर चल रहे हैं। संकट की इस घड़ी में वह अपने भाई के साथ खड़े हैं। इसके अलावा वह उन चीजों पर भी ध्यान दे रहे हैं, जो उनके लिए मायने रखती हैं।'

उन्होंने कहा, 'पार्टी में इस बात को लेकर खूब चर्चाएं चल रही हैं कि नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में शहबाज उनके उत्तराधिकारी हो सकते हैं। अब सवाल है कि पंजाब का सीएम कौन होगा। लेकिन, शहबाज भले ही पीएम हो जाएं, लेकिन वह पंजाब को अपने हाथ से फिसलने नहीं देना चाहेंगे। हालांकि पंजाब को अपने हाथों में बनाए रखने के लिए उन्हें तमाम प्रयास करने होंगे।'

हालांकि पीएमएल-एन के नेता ने सवाल खड़े करते हुए कहा, 'सबसे अहम सवाल यह है कि क्या पार्टी की लीडरशिप उनका नेतृत्व चुपचाप स्वीकार कर लेगा और केंद्र में उन्हें बड़ी भूमिका अदा करने देगा। या फिर 2018 के आम चुनाव तक के लिए किसी और व्यक्ति को पीएम की भूमिका में चुनेगा।'

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