डोनाल्ड ट्रंप की जीत से भारत, पाकिस्तान और चीन के आर्थिक रिश्ते होंगे प्रभावित जानें कैसे
विश्व के सबसे शक्तिशाली देश के 45 वें राष्ट्रपति का खिताब अपने नाम वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी जीत के साथ कई देशों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। जी हां, अमेरिकन चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की दमदार उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराकर रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 19 वें रिपब्लिकन राष्ट्रपति बन गए हैं।
नई दिल्ली:
विश्व के सबसे शक्तिशाली देश के 45 वें राष्ट्रपति का खिताब अपने नाम वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी जीत के साथ कई देशों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। जी हां, अमेरिकन चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की दमदार उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराकर रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 19 वें रिपब्लिकन राष्ट्रपति बन गए हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ट्रंप के अमेरिका की सत्ता में आने के बाद भारत,पाकिस्तान और चीन की अर्थव्यवस्था और रिश्तों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
भारत के रिश्तों में होगा और अधिक सुधार
डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से ही अपने भाषणों और डिबेड में आतंकवाद को निशाने पर रखते हुए देखे गए हैं। इसके लिए उन्होंने यह तक कह दिया कि वह अमेरिका में मुस्लिमों की एंट्री बैन कर देंगे। इससे साफ जाहिर होता है कि भारत जो कि हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ रहा है। उसे आतंकवाद पर डोनाल्ड ट्रंप का अतंराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिलना अपने आप में ही बड़ी बात होगी। इससे न केवल भारत के रिश्तों में और अधिक सुधार होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी बदलाव आएगा।
पाकिस्तान में मची खलबली
वहीं दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप आतंकवाद के मसीहा और उसके प्रायोजक पाकिस्तान की नीतियों के सख्त खिलाफ हैं। आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को जल्द ही चरमराकर रख देगा। दरअसल, यह सबको पता है कि वह पाकिस्तान ही है जो आए दिन भारत की सीमा पर घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। खैर, पहले अमेरिका से पाकिस्तान को संरक्षण प्राप्त था, लेकिन ट्रंप के आने से अब उसका संरक्षण खतरे में आ गया है।
पहले ही मोदी की तारीफों के पुल बांध चुके हैं ट्रंप
ट्रंप को डिबेट के दौरान खुले मंच पर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए देखा गया है। उन्होंने कहा कि मैं मोदी की नीतियों से काफी प्रभावित हूं और देख रहा हूं कि भारत किस तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है।
चीन रवैया जस का तस
चीन ने अपनी मीडिया में पहले ही कह दिया था कि चाहे अमेरिकन सत्ता में हिलेरी आए या फिर ट्रंप इससे उनके आर्थिक रिश्तों में कभी भी सुधार नहीं आयेगा। अमेरिका और चीन शुरू से ही धुर विरोधी रहे हैं। ऐसे में इनके रिश्तों में सुधार की कोई भी संभावना नहीं दिखती है। वैसे भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के पक्षधर को शायद ही ट्रंप महत्व दें।
ये बताई हमने आपको ट्रंप की जीत के बाद भारत, पाकिस्तान और चीन की रिश्तों और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला प्रभाव।
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