अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर पाकिस्तान में शोक, भावी पीएम इमरान ने कहा- उनके शांति प्रयासों को याद रखेगी दुनिया
खान ने कहा,' वाजपेयी की ओर से पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा।'
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के भावी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौत पर शोक जताया है। इमरान ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी को हमेशा भारत-पाकिस्तान के बीच शांति प्रयासों के लिए याद किया जाता रहेगा। खान ने एक बयान जारी कर कहा कि वाजपेयी जी उपमहाद्वीप के एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्तित्व थे और उनकी मृत्यु से राजनीतिक जगत में एक बड़ा शून्य हो गया है।
खान ने कहा,' वाजपेयी की ओर से पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा।'
उन्होंने कहा कि वाजपेयी ऐसे नेता थे जिन्होंने भारत-पाक संबंधों को सुधारने के प्रयास शुरू किए और प्रधान मंत्री बनने के बाद उन्हें जारी रखा।
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इमरान ने कहा, ' एक विदेश मंत्री के रूप में वाजपेयी ने पड़ोसी राज्यों के बीच संबंधों के सामान्यीकरण की दिशा में कई कदम उठाए और प्रधान मंत्री बनने के बाद सफलतापूर्वक इस एजेंडे को नई ऊंचाइयों पर ले गए।'
उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में मेरी सहानुभूति भारत के लोगों के साथ है। दोनों देशों के बीच शांति संबंध स्थापित कर हम वाकई में वाजपेयी जी के कार्यों को सही सम्मान दे सकते हैं।
इमरान ने कहा कि हाल ही में दोनों देशों ने अपने स्वतंत्रता दिवस को मनाया और दोनों ही देश सरहद पर शांति और सौहार्दपूर्ण रिश्ते चाहते हैं।
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गौरतलब है कि गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 93 की उम्र में निधन हो गया।
वाजपेयी का जन्म 1924 में हुआ था। एम्स में उनका इलाज पलमोलोजिस्ट एवं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की देखरेख में हो रहा था। डॉ. गुलेरिया पिछले तीन दशक से वाजपेयी के निजी चिकित्सक रहे हैं।
मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय BJP नेता का एक ही गुर्दा काम कर रह था। 2009 में उन्हें स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उनकी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो गई थी। बाद में वह डिमेंशिया से भी पीड़ित हो गए। जैसे-जैसे उनकी सेहत गिरती गई, धीरे-धीरे उन्होंने खुद को सार्वजनिक जीवन से दूर कर लिया।
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वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे। वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही रह पाई। 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीनों तक चली थी। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया।
वह 5 साल का पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं। वह बीते एक दशक से अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर हैं।
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