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ट्रंप के ट्वीट के बाद पाक में बैठकों का दौर शुरू, अमेरिकी राजदूत तलब, वित्त मंत्री के साथ पीएम की मीटिंग

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्री ख्वाजा आसिफ को ट्रंप के ट्वीट के बाद बैठक के लिए बुलाया। साथ ही अमेरिकी राजदूत डेविड हाले को भी तलब किया था।

Updated on: 02 Jan 2018, 08:36 AM

नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान में हाई प्रोफाइल बैठकों का दौर शुरू हो गया है। 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खान अब्बासी ने सोमवार को देश के वित्त मंत्री ख्वाजा आसिफ को इस ट्वीट के बाद बुलाया था। यह बात एक रिपोर्ट के ज़रिए सामने आई है। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान ने अमेरिकी राजदूत डेविड हाले को भी तलब किया था।

बता दें कि सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक ट्वीट किया था जिसमें पाकिस्तान पर धोखा देने और झूठ बोलने का आरोप लगाया था। पाकिस्तान के जीओ टीवी की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि 'बैठक में ट्रंप के बयान पर विस्तृत समीक्षा की गई।' 

रिपोर्ट के मुताबिक दोनों ने नेताओं ने साथ ही देश की विदेश नीति के बारे में भी बात की। वित्त मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्वीट किया, 'हम राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट का जल्द जवाब देंगे, इंशाल्लाह... हम दुनिया को सच बताएंगे... तथ्य और मिथ्या के बीच फर्क बताएंगे।'

उन्होने कहा कि हम पहले ही अमेरिका को उनके लिए 'और करने' के लिए मना कर चुके हैं। हमने ट्रंप प्रशासन को बता दिया कि अब हम उनके लिए 'और ज़्यादा नहीं करेंगे' क्योंकि 'ज़्यादा करना' अब मायने नहीं रखता है। 

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मंत्री ने कहा कि 'पाकिस्तान पिछले 15 सालों से अमेरिकी से मिली सहायता के बारे में हरेक जानकारी सार्वजनिक करने के लिए तैयार है।'

इस बीच, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सीनेटर शेरी रहमान ने ट्वीट किया, 'गठबंधन सहायता फंड को कभी भी पाकिस्तान किसी अकाउंटिंग में 'मदद' नहीं मान सकता, न ही उसे सहायता के हिस्से के रूप में देखा जा सकता है। यह सीमा पर संयुक्त कार्रवाई के खर्च पर मुआवजा था। वास्तव में अन्य सहायता के बारे में 'हमें बात करनी चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान ने नाटो ट्रैफिक के लिए कभी भी आरोप नहीं लगाया।'

ट्रंप ने लिखा था, 'अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण तरीके से बीते 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर की सहायता दी है, और उन्होंने हमें धोखे और छल के अलावा कुछ और नहीं दिया है।' 

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उन्होंने साल के पहले दिन ट्वीट कर लिखा, 'वो आंतकवाद को पनाह देते हैं और हम अफगानिस्तान में छोटी मदद के साथ लड़ते हैं।' 

अमेरिकी राष्ट्रपति का यह अब तक का सबसे ताकतवर हमला है। अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी उस वक्त सामने आई है जब न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में खबर छपी थी कि अमेरिका पाकिस्तान को 225 मिलियन डॉलर के सहायता फंड को रोकने पर विचार कर रहा है।

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