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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा सिखों की सुरक्षा खतरे में, बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सिख समुदाय के लगभग 10,000 सदस्यों को शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

Updated on: 21 Feb 2017, 11:11 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सिख समुदाय के लगभग 10,000 सदस्यों को शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही उन्हें बुनियादी सुवाधाएं भी मुहैया नहीं हैं। 

खैबर पख्तूनवा इलाके में भारत के विभाजन से पहले सिख समुदाय काफी संख्या में थे। इस वक्त उनकी सुरक्षा खतरे में हैं और बुनियादी सुविधाओं जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य का अभाव है।

यहां पर सिख समुदाय के व्यापारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उनसे हफ्ता वसूली की जाती है।

पाकिस्तान टुडे में मंगलवार को प्रकाशित टिप्पणी में सिख नेता रदेश सिंह टोनी ने कहा है, "कुछ गुरुद्वारों के स्थान पर प्लाजा खड़े हो गए हैं। जिसे बेचने से इंकार किया गया, उसपर भूमाफिया ने जबरदस्ती कब्जा कर लिया।"

उन्होंने कहा कि सिख पेशावर में मात्र दो गुरुद्वारों का ही इस्तेमाल करते हैं।

टोनी ने कहा, "सिख समुदाय के पास कोई श्मशान नहीं है।"

कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने के बाद से सिख समुदाय के लोगों को पेशावर के मुहल्ला जोगन शाह और सदर बाज़ार जाना पड़ा। सरक्षा के कारण यहां पर सिख समुदाय बच्चों को स्कूल भेजने में भी डरता है।

उन्होंने कहा कि जब किसी सिख का निधन होता है, तो उसे पंजाब के अटोक जिले में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है।

सिख समुदाय के सदस्यों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण अपने बच्चों को स्कूलों से निकाल लिया है।

स्कूल हेडमास्टर जुगरपाल सिंह ने कहा, "हम अस्थायी स्कूल के लिए किराए पर जमीन लिए हुए हैं। इसका खर्च उठाना कठिन है। हमने शिक्षा के लिए इमारत और धन मुहैया कराने का सरकार से अनुरोध किया है।"

इस दीन दशा के बावजूद सिख समुदाय को आशा है कि सरकार इन समस्याओं को सुलझाएगी।

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