हाफिज सईद पर 'कड़ी कार्रवाई' करने से बच रहा है पाकिस्तान: रिपोर्ट
अब्बासी ने आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा (JuD) और फलाह ए इंसानियत पर कड़ी कार्रवाई करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है।
highlights
- जमात उद दावा पर कड़ी कार्रवाई करने से बच रहा है पाकिस्तान
- अब्बासी को डर है भुगतना पड़ेगा राजनीतिक खामियाजा
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा (JuD) और फलाह ए इंसानियत पर कड़ी कार्रवाई करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है।
एक मीडिया रिपोर्ट ने दावे के मुताबिक अब्बासी को डर है कि इस फैसले से देश की राजनीति में तूफान आ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से पाक को आतंकी समर्थित देश ठहराने और 2 बिलियन डॉलर की मदद बंद करने के बाद पाकिस्तान आतंकी समूहों को लेकर काफी दबाव में आ गया है।
सईद को मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी। जमात उद दावा को अमेरिका ने जून 2014 में वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था।
रिपोर्ट ने दो अलग-अलग स्रोतों का हवाला देते हुए लिखा कि अब्बासी ने बैठक में कहा था, 'दोनों संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, लेकिन आंतरिक मंत्री अहसान इक्बाल का मानना था कि अगर इस समय इन संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया तो सरकार को इसी तरह के संकट का सामना करना पड़ेगा।'
इक्बाल ने कहा कि इस फैसले का असर वैसा ही होगा जैसा पिछले साल नवंबर में हुआ था।
बता दें कि पिछले साल नवंबर में चुनाव सुधार विधेयक, 2017 में संशोधन के खिलाफ शुरू किया गया प्रदर्शन काफी हिंसक हो गया था। तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह नाम के इस्लामिक संगठन के इस प्रदर्शन के चलते इस्लामाबाद और रावलपिंडी की रफ्तार थम गई थी। बाद में कानून मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तान वैश्विक दबाव में आकर मुंबई हमलों के मास्टर माइंड आतंकी हाफिज सईद को एक बड़ा झटका देते हुए उसके संगठन जमात-उद-दावा (JuD) को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था।
इसके बाद 9 फरवरी को सरकार ने जमात-उद-दावा के देशभर में अलग-अलग ठिकानों पर कार्रवाई का आदेश दिया। हालांकि हाफिज के संगठनों को इस कानून के 'शेड्यूल आई' में नहीं रखा गया। इसका मतलब यह था कि संगठनों की संपत्तियों को जब्त किया जाएगा, लेकिन इससे जुड़े लोगों पर कोई ऐक्शन नहीं लिया जाएगा।
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रिपोर्ट में कहा गया, 'सरकार ने इस कानून के तहत हाफिज के दोनों संगठनों की संपत्तियां जब्त करने का आदेश तो दिया, लेकिन इसमें पुलिस को यह अधिकार नहीं दिया गया है कि वह इनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज कर सके। ऐसे में पुलिस ने हाफिज के संगठनों की संपत्ति पर नियंत्रण तो कर लिया, लेकिन उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।'
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पुलिस को अब भी 'शेड्यूल आई' से जुड़े नोटिफिकेशन का इंतजार है। इस नोटिफिकेशन के बिना हाफिज के दोनों संगठनों को पूरी तरह खत्म नहीं माना जाएगा।
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