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पाकिस्तान में नमाज पढने का समय तय करने की तैयारी में नवाज शरीफ सरकार

पाकिस्तानी मंत्री युसूफ के मुताबिक सरकार ने 'निजाम-ए-सलत' योजना को लागू कराने के लिए मौसम विभाग और धार्मिक नेताओं से बात की है।

Updated on: 08 Jan 2017, 10:35 PM

highlights

  • पाकिस्तान में 'यूनिफॉर्म प्रेयर टाइमिंग' लागू करने पर हो रहा है विचार
  • धार्मिक मामलों के मंत्री मोहम्मद यूसुफ ने बताई पहली प्राथमिकता, कहा एकता और एकरूपता आएगी

 

नई दिल्ली:

पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार पूरे देश में नमाज पढ़े जाने को लेकर एक खास समय निर्धारित करने पर विचार कर रही है। इसका यह मतलब हुआ कि किसी खास क्षेत्र में तमाम लोग एक ही समय पर नमाज पढ़ेंगे।

पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के मुताबिक धार्मिक मामलों के मंत्री सरदार मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि वह सभी चार प्रांतों के मुख्यमंत्रियों से बात कर रहे हैं ताकि 'निजाम-ए-सलत' को लागू किया जा सके।

युसूफ ने इस योजना के बारे में बताया कि ऐसी कोशिश है कि प्रांतीय सरकारें कम से कम जिला स्तर पर एक खास समय सारिणी बना दें जिसमें नमाज अदा की जाए। इस समय सारिणी को स्थानीय टाइम-जोन के हिसाब से तय किया जाएगा।

बता दें कि 1980 में सैन्य शासक जनरल जिया-उल-हक के आने के बाद से पाकिस्तान में धार्मिक गतिविधियां तेजी से बढ़नी शुरू हुई और सांप्रदायिक तत्वों को बढ़ावा मिला।

दो साल पहले मई-2015 में पाकिस्तान की सरकार ने इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र (ICT) में नमाज के लिए खास समय वाली योजना को शुरू किया था लेकिन इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका।

पाकिस्तानी मंत्री युसूफ के मुताबिक सरकार ने इस योजना को लागू कराने के लिए मौसम विभाग और धार्मिक नेताओं से बात की है। इनमें अहले हदीथ, सुन्नी हनाफी (देवबंद और बारेल्वी) और शिया मुस्लिमों के प्रतिनिधियों से बात शामिल है।

युसूफ का मानना है कि ऐसे सिस्टम से देशभर में एकता और एकरूपता बढ़ेगी। युसूफ ने कहा कि 'निजाम-ए-सलत' को लागू कराने की जिम्मेदारी प्रांत के अधिकारियों की होगी और उनके मंत्रालय को अभी तक इस दिशा में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

यूसुफ ने हालांकि यह साफ नहीं किया है कि यूनिफॉर्म प्रेयर टाइमिंग को कब तक लागू किया जा सकेगा लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये सरकार की पहली प्राथमिकता है। युसूफ ने साथ ही कहा कि शुक्रवार के नमाज के लिए एक समय सारिणी बनाने पर भी भविष्य में कोई फैसला लिया जाएगा।

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