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भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की 'दया याचिका' खारिज, पाक आर्मी चीफ ने शुरू किया 'सबूतों' का आकलन

पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने कुलभूषण जाधव के खिलाफ सबूतों का आकलन करना शुरू कर दिया है, जिसके आधार पर वह उनकी 'दया याचिका' पर फैसला लिया जा सकता है।

Updated on: 16 Jul 2017, 11:54 PM

highlights

  • कुलभूषण जाधव की रिहाई को लेकर भारत की कूटनीतिक कोशिशें रंग लाती दिखाई दे रही है
  • पाक आर्मी चीफ ने कुलभूषण जाधव के खिलाफ सबूतों का आकलन करना शुरू कर दिया है
  • इसके आधार पर जाधव की 'दया याचिका' पर फैसला लिया जा सकता है

नई दिल्ली:

भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव की रिहाई को लेकर भारत की कूटनीतिक कोशिशें रंग ला सकती हैं। पाकिस्तान की सैन्य अदालत की तरफ से जाधव की 'दया याचिका' खारिज होने के बाद यह मामला अब पाकिस्तानी सेना प्रमुख के पास पहुंच गया है।

पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने कुलभूषण जाधव के खिलाफ सबूतों का आकलन करना शुरू कर दिया है, जिसके आधार पर उनकी 'दया याचिका' पर फैसला लिया जा सकता है।

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कथित जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी।

हालांकि भारत ने 8 मई को पाकिस्तान की सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी। अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी।

इसके बाद पाकिस्तानी आर्मी की तरफ से दावा किया गया था कि जाधव ने पाकिस्तानी आर्मी चीफ के समक्ष दया याचिका दायर की है।

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पाकिस्तानी आर्मी की पब्लिक रिलेशंस यूनिट आईएसपीआर ने बयान जारी कर दावा किया था कि जाधव के कथित तौर पर जासूसी, आतंकी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के मामले में अपनी जिम्मेदारी कबूल करते हुए माफी की मांग की है।

इसके साथ ही पाकिस्तानी सेना ने जाधव की कथित स्वीकारोक्ति वाला वीडियो जारी किया था, जिसमें वह अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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हालांकि भारत ने इस वीडियो को सिरे से खारिज कर दिया था।  पाकिस्तान दावा करता रहा है कि उसने 3 मार्च 2016 को जाधव को बलूचिस्तान के अशांत इलाके से गिरफ्तार किया, हालांकि भारत लगातार कहता रहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया।

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