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पाकिस्तान आम चुनाव में लोकतंत्र नहीं कट्टरपंथी ताकतें होंगी मजबूत

पाकिस्तान में अगले महीने की 25 तारीख को राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर जहां पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है।

Updated on: 23 Jun 2018, 11:37 AM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में अगले महीने की 25 तारीख को राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है।

वहीं चुनावी गलियारों के जरिए पाकिस्तान की सत्ता को हासिल करने का ख्वाब देखने वाले प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा के चीफ और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है।

हाफिज ने 259 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है जिसमें उसके बेटा और दामाद का नाम भी शामिल हैं।

वहीं चुनाव से पहले ही पाकिस्तान के कुछ कट्टरपंथी समूहों ने सरकार पर आतंक रोधी नीतियों को कमजोर करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

डिप्लोमैट में प्रकाशित एक खबर के अनुसार हाल के कुछ समय में कट्टरपंथी समूहों ने राजनीति, चुनावी और सामाजिक दायरों में जगह बनाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।

लाहौर स्थित पत्रकार उमेर जमाल ने अपने इस लेख में लिखा है,'आगामी चुनाव से देश का लोकतंत्र कितना मजबूत होगा यह निश्चित नहीं है पर एक बात पक्की है कि इन चुनावों में कट्टरपंथी ताकतें जरूर आ जाएंगी।'

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गौरतलब है कि इन चुनावों में सईद स्वयं मैदान में नहीं हैं ।

आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते अमेरिका ने हाफिज पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है।

इससे पहले पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने एमएमएल का राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण करने से मना कर दिया था ।

पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने यह कह कर इसका विरोध किया था कि एमएमएल जमात-उद-दावा की एक शाखा है जिसका नेतृत्व हाफिज करता है और उस पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है।

आम चुनावों के नजदीक आने के साथ ही संगठन ने आयोग में पंजीकृत और छोटी पार्टी अल्लाह-हू- अकबर तहरीक के टिकट पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

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