logo-image

सीमा विवाद: भारत को घेरने के लिए नेपाल की असुरक्षा को हवा दे रहा चालबाज चीन

चीनी राजनयिक ने भारत को घेरने के लिए डाकोला विवाद को नेपाल के राजनायिक के सामने उठाया है।

Updated on: 06 Aug 2017, 12:52 PM

नई दिल्ली:

सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन ने इस मुद्दे को नेपाल के सामने उठाया है। 

चीन का यह फैसला इस लिहाज से भारत की चिंता बढ़ाने वाला है क्योंकि भारत नेपाल के साथ भी विवादित क्षेत्र में ट्राइ-जंक्‍शन साझा करता है। इसके अलावा चीन अब भारत के पड़ोस में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में लगा हुआ है। 

सूत्रों के मुताबिक चीन के डिप्टी चीफ मिशन ने नेपाल में अपने समकक्ष से इस मुद्दे पर चर्चा की है। चीन की कोशिश नेपाल की असुरक्षा की भावना को हवा देकर उसे अपने पक्ष में करने की है ताकि भारत को घेरने की उसकी रणनीति मजबूत हो सके।

गौरतलब है कि चीन सिक्किम सेक्टर में भारत पर सैनिकों को पीछे हटाने का दबाव बनाता रहा है। पिछले एक महीने से अधिक समय से जारी तनाव के बीच चीनी मीडिया कई बार युद्ध की धमकी दे चुका है

इसे भी पढ़ेंः चीन ने कहा डाकोला में भारतीय सैनिकों की संख्या कमी, भारत ने साधी चुप्पी

नेपाल, चीन और भारत के साथ दो ट्राइ-जंक्शन साझा करता है। पहला पश्चिमी नेपाल में लिपुलेख और पूर्वी नेपाल में झिनसांग चुली। लिपुलेख, कालापानी विवादित क्षेत्र में है और इस पर भारत और नेपाल दोनों ही दावा करते रहे हैं।

2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के दौरे पर गए थे तो भारत ने चीन के साथ लिपुलेख के जरिए व्यापार बढ़ाने का फैसला किया था। इस फैसले को लेकर नेपाल ने नाराजदी जताई थी। नेपाल की संसद में मांग की गई थी कि दोनों देश लिपुलेख का जिक्र अपने साझा बयान से हटाएं क्योंकि यह अंतराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है। 

इसे भी पढ़ेंः अरुणाचल पर चीन का दावा केवल 'राष्ट्रीय जुनून'

चीन ने इस मुद्दे को तब उठाया है जब अगले हफ्ते काठमांडू में बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की बैठक होनी है। इस बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भाग लेंगी।

बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों की बैठक 10-11 अगस्त को होगी जिसमें चौथे बिम्सटेक सम्मेलन में तय किए जाने वाले एजेंडे पर चर्चा होगी। चौथा बिम्सटेक सम्मेलन नेपाल में इस साल के अंत में होगा।

सभी राज्यों की खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें