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सिलहट के विकास के लिए भारत, बांग्लादेश में समझौता

वित्तमंत्री अबुल माल अब्दुल मुहित भी इस मौके पर मौजूद थे।

Updated on: 24 Feb 2017, 10:17 PM

ढाका:

भारत और बांग्लादेश ने सिलहट शहर के टिकाऊ विकास के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। भारत इसके लिए वित्तीय मदद मुहैया कराएगा। 

भारतीय उच्चायुक्त हर्षवर्धन श्रृंगला, आर्थिक मामलों के डिवीजन के अतिरिक्त सचिव मोहम्मद अमीनुल हक और सिलहट शहर निगम के सीईओ एनामुल हबीब ने शुक्रवार को सिलहट में इस त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए।

वित्तमंत्री अबुल माल अब्दुल मुहित भी इस मौके पर मौजूद थे।

इस एमओयू के तहत 24.28 करोड़ टका की लागत से तीन परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। इनमें एक पांच मंजिली किंडरगार्डन एवं हाईस्कूल इमारत का निर्माण, छह मंजिली क्लीनिक कॉलोनी इमारत का निर्माण और धुपा दिघीपार इलाके का विकास शामिल है।

इसके पहले दोनों सरकारों ने अप्रैल 2013 में एक अन्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत बांग्लादेश के सामाजिक-आर्थिक सेक्टरों में सतत विकास की परियोजनाओं का क्रियान्वयन करना था। 

बीडीन्यूज24 की रपट के अनुसार, उच्चायुक्त ने कहा, 'सिलहट एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है। यह एक समय भारतीय राज्य असम का हिस्सा रह चुका है। यह 1971 के मुक्ति संग्राम का एक केंद्रबिंदु रहा है। बांग्लादेश की कई सारी प्रमुख हस्तियां यहीं से हैं। यह वाणिज्यिक गतिविधियों का एक केंद्र रहा है। हम इस शहर के साथ जुड़ाव बनाकर गौरवान्वित हैं, वह भी शिक्षा के क्षेत्र में।'

उन्होंने छह मंजिली क्लीनर कॉलोनी के निर्माण की एक परियोजना का जिक्र करते हुए कहा, 'हमें खुशी है कि बांग्लादेश सरकार ने शहर की सफाई से जुड़े लोगों के लिए एक इमारत के निर्माण का निर्णय लिया है।'

उच्चायुक्त ने कहा, 'जो लोग हमारे वातावरण को रहने योग्य बनाते हैं, हमें उनका ख्याल रखना चाहिए।' उन्होंने इस संदर्भ में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अक्टूबर 2014 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन का जिक्र किया।

उच्चायुक्त ने कहा, 'इस अभियान ने ग्रामीण और दूरवर्ती इलाकों से भारत के लोगों बीच एक आम जागरूकता पैदा की है कि अपने आस-पड़ोस और पर्यावरण को स्वच्छ रखा जाना चाहिए।'

उन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम से शुरू हुए भारत-बांग्लादेश संबंधों को रेखांकित किया और आशा जाहिर की कि यह अच्छा संबंध लगातार जारी रहेगा।

भारत सरकार इसी तरह की सतत विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन 21 करोड़ टका की लागत से राजशाही के विकास के लिए भी करेगी। इस संबंध में एक एमओयू पर हाल ही में हस्ताक्षर हुआ है।

उच्चायुक्त ने कहा कि भारत सरकार खुलना शहर के विकास के लिए भी 12 करोड़ टका की राशि मंजूर की है। उन्होंने कहा, 'खुलना की परियोजनाओं के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर जल्द ही होने वाला है।'

समझौते पर यह हस्ताक्षर ऐसे समय में हुआ है, जब एक दिन पहले भारत के विदेश सचिव एस. जयशंकर ढाका में थे और उन्होंने प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की थी और अप्रैल में प्रस्तावित उनके भारत दौरे की तैयारी के विभिन्न पक्षों पर चर्चा की थी। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की थी।