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कोरियाई संकट: ट्रंप की अपील के बाद उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजने पर चीन सहमत

फिलीपींस की राजधानी मनीला में आसियान की बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई मुलाकात के बाद कोरियाई तनाव को कम करने की दिशा में कोशिशों की शुरुआत हो गई है।

Updated on: 15 Nov 2017, 11:03 AM

highlights

  • कोरियाई संकट का समाधान निकालने की दिशा में चीन उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजने पर सहमत
  • चीनी राजनयिकों का यह प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को उत्तर कोरिया जाएगा

नई दिल्ली:

फिलीपींस की राजधानी मनीला में आसियान की बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई मुलाकात के बाद कोरियाई तनाव को कम करने की दिशा में कोशिशों की शुरुआत हो गई है।

ट्रंप और जिनपिंग की मुलाकात के बाद चीन ने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को उत्तर कोरिया भेजने का फैसला लिया है। चीनी राजनयिकों का यह प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को उत्तर कोरिया जाएगा।

चीन की यात्रा के दौरान ट्रंप ने सभी देशों से कोरियाई परमाणु शासन को हथियार और फंडिंग रोके जाने की अपील की थी।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ ग्रेट हॉल में संयुक्त कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि दोनों नेताओं ने उत्तर कोरियाई संकट को हल करने की दिशा में बातचीत की है।

गौरतलब है कि चीन, उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है और इस लिहाज से वाशिंगटन का मानना है इस संकट का समाधान निकालने में चीन की बड़ी भूमिका हो सकती है।

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ट्रंप की इस अपील के बाद चीन प्योंगयांग के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने पर सहमत हो गया था। ट्रंप ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ा रहे हैं।

उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण को लेकर कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव की स्थिति बनी हुई है। कोरिया कई मौके पर अमेरिका को सीधे-सीधे युद्ध की धमकी दे चुका है।

माना जाता है कि कोरियाई मिसाइल कई अमेरिकी शहरों को टारगेट कर सकते हैं। वहीं युद्ध की हालत में सबसे बड़ा खतरा उत्तर कोरिया के पड़ोसी दक्षिण कोरिया औऱ जापान को है, जो अमेरिका के करीबी सहयोगी हैं।

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