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छात्रों के आगे झुकी बांग्लादेश सरकार, नौकरियों से हटाया आरक्षण

एक तरफ जहां भारत में आरक्षण को लेकर राजनीति गरमाई हुई है वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी देश बांग्लादेश ने सरकारी नौकरियों में मिलने वाले आरक्षण को पूरी तरह हटा दिया है।

Updated on: 13 Apr 2018, 12:14 AM

नई दिल्ली:

एक तरफ जहां भारत में आरक्षण को लेकर राजनीति गरमाई हुई है वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी देश बांग्लादेश ने सरकारी नौकरियों में मिलने वाले आरक्षण को पूरी तरह हटा दिया है। इस बात की जानकारी खुद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दी।

नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ पूरे बांग्लादेश में हजारों छात्रों ने सड़कों पर निकल कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जिसमें पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प भी हई। भारी संख्या में छात्रों के इस हिंसक आंदोलन से ज्यादातर इलाकों में कानून व्यवस्था और ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार को भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती करनी पड़ी और हालात को काबू में लाने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।

छात्रों के हिंसक और व्यापक आंदोलन को देखते हुए देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने का ऐलान कर दिया।

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बांग्लादेश संसद में दिए बयान में शेख हसीना ने कहा, 'नौकरियों में मिलने वाले आरक्षण को समाप्त किया जाएगा क्योंकि छात्र ऐसा नहीं चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा, सरकार पिछड़े अल्पसंख्यक और विकलांगों के लिए नौकरियों में खास व्यवस्था करेगी।'

गौरतलब है कि राजधानी ढाका में रविवार को छात्रों के बड़े समूह ने आरक्षण के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने ढाका यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति के घर पर भी हमला बोल दिया जिसके बाद उनके परिवार को सुरक्षित जगह पर शरण लेनी पड़ी।

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