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बांग्लादेश के पहले हिन्दू मुख्य न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर दिया इस्तीफा

बांग्लादेश के पहले हिन्दू मुख्य न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार सिन्हा ने रिश्वतखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया।

Updated on: 11 Nov 2017, 10:35 PM

highlights

  • सत्तारूढ़ पार्टी ने चुनाव आयोग, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों पर फैसलों को लेकर भी सिन्हा की आलोचना की थी
  • सिन्हा ने 17 जनवरी 2015 को देश के 21वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपना पद संभाला था

नई दिल्ली:

बांग्लादेश के पहले हिन्दू मुख्य न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार सिन्हा ने रिश्वतखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद इस्तीफा दे दिया। पिछले एक महीने से सरकार के साथ चल रहे विवाद के बीच छुट्टी पर गए सिन्हा ने विदेश से अपना इस्तीफा सौंप दिया।

सिन्हा ने 17 जनवरी 2015 को देश के 21वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपना पद संभाला था और वे अगले साल 31 जनवरी को रिटायर होने वाले थे।

राष्ट्रपति अब्दुल हामिद के प्रेस सचिव जॉयलन अबेदिन ने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा, 'उनका इस्तीफा पत्र बंगभबन (राष्ट्रपति पैलेस) में पहुंच चुका है।'

दरअसल सिन्हा ने संसद द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पर महाभियोग चलाने के अधिकार को हटाने के संबंध में एक फैसला सुनाया था, जिसका सत्तारूढ़ पार्टी काफी विरोध कर रही थी।

आलोचना झेलने के बाद सुरेंद्र कुमार सिन्हा छह हफ्तों से छुट्टी पर थे।

हालांकि बांग्लादेश सरकार ने 3 अक्टूबर को सिन्हा के छुट्टी पर जाते ही उनकी जगह अब्दुल वहाब को एक्टिंग चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्त कर दिया था।

वह जुलाई में संविधान के 16वें संशोधन को हटाकर सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के निशाने पर आ गए थे। 16वें संशोधन के अंतर्गत संसद को सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पर महाभियोग लगाकर हटाने का अधिकार था।

सत्तारूढ़ पार्टी ने चुनाव आयोग, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों पर फैसलों को लेकर भी सिन्हा की आलोचना की थी।

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