बलोचिस्तान की आज़ादी के लिए भारत से मांगेंगे मदद: अमिर अहमद
पाकिस्तान से आज़ादी के संघर्ष में लगे बलूचिस्तान के नेता ने भारत से मदद की अपील करने का ऐलान किया है। बलूचिस्तान संघर्ष के नेता अमिर अहमद सुलेमान दाउद ने यह बाद लंदन में मीडिया से बातचीत के दौरान कही।
नई दिल्ली:
बलोचिस्तान की आज़ादी के संघर्षरत लोग भारत से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। बलोचिस्तान के संघर्ष के प्रमुखों में से एक अमिर अहमद सुलेमान दाउद ने कहा है कि, 'हम अपने आंदोलन के लिए दोस्त देशों जैसे भारत की ओर मदद का हाथ बढ़ाएंगे।'
अमिर अहमद सुलेमान दाउद को आधिकारिक तौर पर खान ऑफ कलात के महामहिम के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की पिछले साल लाल किले से देश को संबोधन के दौरान बलूचिस्तान के मुद्दे को उठाने का स्वागत किया है।
दाउद ने लंदन में मीडिया से बात करते हुए कहा, 'भारत इस क्षेत्र में एक शक्तिशाली देश है। साथ ही दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पड़ोसी देशों में अकेले ऐसे नेता हैं जिन्होंने बलोच के मुद्दे को उठाया है। हम इसका स्वागत करते हैं। हमें पता है हमें दोस्त मिल गया है।'
पाकिस्तान ने नरेंद्र मोदी के बलोचिस्तान के लोगों के पक्ष में आवाज़ उठाने की आलोचना की थी, जिसे बलोचिस्तान आज़ादी के संघर्ष में अप्रत्यक्ष सहारे के तौर पर देखा गया।प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र पर देश की रणनीति बदलते हुए कहा था कि, 'पिछले कुछ दिनों में बलोचिस्तान के लोग, गिलगिट-पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों ने मुझे धन्यवाद दिया है और सम्मान दिखाया है। साथ ही मुझे शुभकामनाएं भी दी हैं।'
दाउद जो यूनाइटेड किंगडम में पिछले कुछ सालों से निर्वासन के बाद रह रहे हैं, उन्होंने बलोचिस्तान की आज़ादी के लिए मदद के तौर पर अमेरिका और भारत जैसे देशों की ओर बातचीत की योजना बनाने की ओर इशारा किया है।
उन्होनें कहा कि, 'हमें विश्वास है कि हमें पड़ोसी देशों से मदद मिलेगी ख़ासकर पश्चिमी देशों और भारत से। हमें खुशी है कि रिपब्लिकन अमेरिका में सत्ता में है। अमेरिकी कांग्रेस में हमारे कई दोस्त हैं। शायद चीन भी एक दोस्त बन सके। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि वो इस खेल में एक ग़लत अभिनेता (पाकिस्तान) का साथ दे रहे हैं। '
इससे पहले गुरुवार को भी दाउद ने ब्रिटिश पार्लियामेंट कॉम्पलेक्स में 'बलोचिस्तान री-विसिटेड' सेमिनार में बोलते हुए पाकिस्तान को कलात की संप्रभुता को कॉलोनियों में विभाजित करने का आरोपी भी बताया था।
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