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रामनवमी : बंगाल में बच्चों ने हथियारों के साथ रैली निकाली

राज्य बाल अधिकार समिति के कुछ दिनों पहले जारी किए गए निर्देशों को खुलेआम दरकिनार करते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में रविवार को रामनवमी रैली में कई बच्चों को धारदार हथियारों के साथ चलते देखा गया।

Updated on: 25 Mar 2018, 08:07 PM

नई दिल्ली:

राज्य बाल अधिकार समिति के कुछ दिनों पहले जारी किए गए निर्देशों को खुलेआम दरकिनार करते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में रविवार को रामनवमी रैली में कई बच्चों को धारदार हथियारों के साथ चलते देखा गया।

रैली में नाबालिग लड़के व लड़कियां भगवान राम का नाम जपते हुए तलवार व चाकू जैसे हथियार भांज रहे थे। इस रैली का आयोजन कथित तौर पर बजरंग दल ने किया था।

पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) की अध्यक्ष अनन्या चटर्जी ने आईएएनएस से कहा, 'हमें यह रिपोर्ट प्राप्त हुई है कि बच्चों ने पुरुलिया में रामनवमी रैली में हथियारों के साथ भाग लिया है। इसे लेकर हमने स्थानीय प्रशासन व पुलिस से संपर्क किया।'

उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय ने स्वीकार किया कि ऐसा हुआ लेकिन जैसे ही यह सूचना मिली, पुलिस ने उनके हथियारों को ले लिया।

चटर्जी ने कहा कि आयोग ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को रामनवमी के दौरान बच्चों व नाबालिगों को सशस्त्र रैली में भाग लेने से रोकने के निर्देश दिए थे क्योंकि उनकी मनोदशा पर यह प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।

इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार के सार्वजनिक तौर पर हथियार लेकर चलने पर रोक की अवहेलना करते हुए आरएसएस से संबद्ध संगठनों द्वारा कई हथियारबंद रैलियां राज्य के विभिन्न हिस्सों में निकाली जा रहीं हैं। इनमें बीरभूम, पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा व कोलकाता के कई स्थान शामिल हैं।

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भाजपा के राज्य के कई बड़े नेताओं को हथियारों के साथ जुलूस में भागीदारी करते देखा जा रहा है। राज्य भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष पश्चिम मिदनापुर में तलवार के साथ व महिला इकाई की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी त्रिशूल लिए दिखाई दीं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा भी एक रैली में हथियार का प्रदर्शन करते देखे गए।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल सशस्त्र रैलियों पर रोक से थोड़ी छूट दी है। उन संगठनों को रैली में इस्तेमाल की अनुमति दी गई है जो दस साल से अधिक समय से रामनवमी मना रहे हैं।

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