logo-image

क्या चीन ने डोकलाम विवाद सुलझाने के लिए भारत को लोन दिया?

सोशल मीडिया में शेयर और सर्कुलेट हो रहे इस मैसेज में लिखा है, 'डोकलाम विवाद खत्म करने के लिए चीन ने भारत को 20 बिलियन डॉलर का लोन देने का वादा किया था।

Updated on: 04 Sep 2017, 05:14 AM

highlights

  • वायरल पोस्ट में था दावा, सेना हटाने के लिए भारत को चीन ने दिए 20 बिलियन डॉलर
  • चीनी मीडिया पर कई बार होता रहा है भारत के खिलाफ दुष्प्रचार
  • चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत को लोन दिए जाने की खबर पर रखा अपना पक्ष

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया में एक पोस्ट वायरल है जिसमें दावा किया जा रहा है कि चीन ने डोकलाम विवाद सुलझाने के लिए भारत को लोन देने का वादा किया है।

सोशल मीडिया में चीन के दावे से जुड़ी यह खबर सुर्खियां बटोर रही हैं। दावा किया जा रहा है कि तनाव खत्म करने और वहां से सेना हटाने के एवज में चीन ने भारत को भारी भरकम लोन देने का वादा किया है।

सोशल मीडिया में शेयर और सर्कुलेट हो रहे इस मैसेज में लिखा है, 'डोकलाम विवाद खत्म करने के लिए चीन ने भारत को 20 बिलियन डॉलर का लोन देने का वादा किया था। उसी के बाद बॉर्डर से सेना हटाने का फैसला हुआ।'

क्या है चीन के भारत को लोन देने की सच्चाई

यह तो सभी जानते हैं चीनी मीडिया भारत के खिलाफ दिन रात दुष्प्रचार में जुटा रहता है। साथ ही वहां के तमाम सोशल साइट्स पर भी हिंदुस्तान के खिलाफ प्रोपगेंडा चलाया जाता है।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या डोकलाम में समझौते के बाद भी चीन साजिशों का तानाबाना बुन रहा है? साथ ही यह भी क्या वायरल मैसेज चीन की किसी रणनीति का हिस्सा है।

यह भी पढ़ें: फेसबुक ने तोड़ा एक साथ दो शादियां करने का सपना, जानिए कैसे

डोकलाम में भारत और चीन के बीच 16 जून से तनातनी की शुरुआत हुई थी। चीन के अधिकारी और नेता के बयानों से जानकार जंग की आशंका जताने लगे थे। लेकिन अचानक चीन ने अपने कदम पीछे खींचें तो दुनिया हैरान रह गई।

तमाम देश इसे भारत की कूटनीतिक जीत मान रहे हैं क्योंकि दवाब में चीन ने अपने सैनिक हटाने का फैसला किया और ये स्टैंड चीन के चरित्र से हटकर है।

दरअसल, चीनी विदेश मंत्रालय ने डोकलाम विवाद खत्म करने के से जुड़े वायरल मैसेज को गलत करार दिया है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने भी वायरल मैसेज और उससे जुड़ी रिपोर्ट्स को पूरी तरह फर्जी बताया है।

चीन की सरकारी मीडिया पीपल्स डेली ने भी एक आर्टिकल के जरिए भारत को पैसे की पेशकश की खबरों का खंडन किया है।

यह भी पढ़ें: ब्रिक्स सम्मेलन आज से, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग बोले- मुद्दों को सुलझाने के लिए हो कूटनीति का इस्तेमाल