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नए सेनाध्यक्ष पर विवादों के बीच ले. जनरल बख्शी ने की रक्षामंत्री पर्रिकर से मुलाकात

भारत के नए सेनाध्यक्ष के पद के लिये नज़रअंदाज़ किये गए सेना के पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्शी ने रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर से मुलाकात की।

Updated on: 21 Dec 2016, 10:52 PM

नई दिल्ली:

भारत के नए सेनाध्यक्ष के पद के लिये नज़रअंदाज़ किये गए सेना के पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्शी ने रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर से मुलाकात की।

केंद्र सरकार ने सेना के दो वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल को नज़रअंदाज़ कर लेफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत को नया सेना प्रमुख बनाने का फैसला लिया है।

लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को सेना प्रमुख बनाए जाने के ऐलान के बाद रक्षा मंत्री से यह ले. जनरल बख्शी की पहली मुलाकात थी। दोनों के बीच करीब 20 मिनट से ज्यादा बातचीत हुई।

इस मुलाकात में दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसकी जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन मौजूदा सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह के 31 दिसंबर को रिटायर होने के मद्देनजर रक्षामंत्री के साथ बक्शी की चर्चा अहम मानी जी रही है। साथ ही जनरल बख्शी के अगले कदम के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।

ऐसी संभावनाएं हैं कि ले. जनरल बख्शी को भारत के डिफेंस स्टाफ का पहला अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अगर उन्हें डिफेंस स्टाफ का पहला अध्यक्ष नहीं बनाया गया, तो उनके पास दो ही विकल्प होंगे। एक ये कि वो अपने पद से इस्तीफा दें या फिर ले. जनरल रावत के अधीन काम करें।

सरकार ने अभी तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद बनाने को लेकर अभी तक कोई संकेत नहीं दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जनरल बक्शी की रक्षामंत्री से हुई मुलाकात में इस मुद्दे पर चर्चा हुई है।

इधर यदि सरकार ने यदि वरिष्ठता के मुद्दे का हल निकालने का कोई प्रयास नहीं किया तो बक्शी और हारिज इस्तीफा देने जैसे कदम उठा सकते हैं।

हालांकि सरकार ने तथ्यों के साथ बीते दिनों साफ कर दिया था कि बिपिन रावत को सैन्य मोर्चे पर उनके अनुभव को देखते हुए सेना प्रमुख की कमान सौंपने का फैसला लिया गया है।