सरकार युद्ध स्तर पर छाप रही है 500 के नोट, 2 हफ्ते में बदलेगा मंज़र
फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने के फैसले को लेकर वित्तीय सचिव शक्तिकांस दास ने कहा इससे भारतीय शेयर बाजारों पर कोई असर नहीं होगा। शक्तिकांस दास ने कहा, 'भारतीय शेयर बाजार पहले से ही फेडरल रिजर्व की तरफ से होने वाले ब्याज दरों के असर को पचा चुके हैं।'
highlights
- शक्तिकांस दास ने कहा कि फेडरल रिजर्व के फैसले से भारतीय बाजार पर कोई असर नहीं होगा
- वित्तीय सचिव ने कहा कि अब सरकार के एजेंडे पर 500 रुपये के नोटों की छपाई सबसे ऊपर है
New Delhi:
फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने के फैसले को लेकर वित्तीय सचिव शक्तिकांस दास ने कहा इससे भारतीय शेयर बाजारों पर कोई असर नहीं होगा। शक्तिकांस दास ने कहा, 'भारतीय शेयर बाजार पहले से ही फेडरल रिजर्व की तरफ से होने वाले ब्याज दरों के असर को पचा चुके हैं।'
नोटबंदी के करीब एक महीने से अधिक का समय पूरा होने पर दास ने कहा कि सरकार पहली बार घरेलू स्तर पर तैयार किए गए नोट की सप्लाई कर रही है। उन्होंने कहा, 'नए नोट पुराने नोटों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हैं और उनकी नकल करना मुश्किल है।'
दास ने कहा कि अभी तक करीब 2 लाख से ज्यादा एटीएम को नए नोटों के मुताबिक तैयार किया जा चुका है। दास ने कहा कि नोट सप्लाई बढ़ने के बाद जिन लोगों ने 2000 रुपये के नोटों की होर्डिंग कर रखी है वो जल्द ही सर्कुलेशन में आएगा। उन्होंने कहा कि हवाई जहाज के जरिए नोटों की आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में ज्यादा से ज्यादा नकदी की आपूर्ति की जा रही है।
दास ने कहा सरकार का फोकस 2000 रुपये के नोटों की आपूर्ति करने पर था लेकिन अब हमारा ध्यान 500 रुपये के नोटों की छपाई करने पर है।
दास ने कहा कि फेडरल रिजर्व की तरफ से की गई बढ़ोतरी के बाद पिछले एक साल से जारी आशंका की स्थिति साफ हो गई है। उन्होंने कहा, 'हमें यह देखना होगा कि 2017 और 2018 में फेडरल रिजर्व और कितनी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है।'
दास ने कहा कि फेडरल रिजर्व की बैठक के बाद करेंसी बाजार और अन्य बाजारों के स्थिर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, 'रुपया को छोड़कर अन्य बाजार थोड़ी उथल-पुथल के बाद स्थिर हो जाएंगे।'
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