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सर्जिकल स्ट्राइक पर भारत के साथ खड़े हैं पड़ोसी और दुनिया के बड़े-बड़े देश

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पड़ोसी और दुनिया के बड़े देश इस मसले पर भारत के साथ खड़े दिख रहे हैं।

Updated on: 30 Sep 2016, 04:45 PM

नई दिल्ली:

नियंत्रण रेखा के पास बुधवार देर रात हुए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इसके मद्देनज़र दुनिया के कई देशों की निगाहें भी दक्षिण एशिया में हो रहे घटनाक्रम पर है। संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और चीन समेत कई अन्य देशों ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है। पड़ोसी और दुनिया के बड़े देश इस मसले पर भारत के साथ खड़े दिख रहे हैं। इसे पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग की भारतीय कूटनीति की सफलता के बतौर देखा जा सकता है।

गुरुवार को ब्रिटेन के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि ब्रिटेन इस पूरे घटनाक्रम पर नज़र बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन दोनों पक्षों से संयम बरतने और संवाद जारी रखने की अपील करता है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने भी अपने दैनिक न्यूज़ कांफ्रेंस में दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की। अमेरिका ने यह भी साफ़ कर दिया कि पाकिस्तान को आतंकी समूहों को नष्ट करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा कि चीन दोनों ही देशों के संपर्क में है और संवाद के मार्फ़त शान्ति और सुरक्षा बनाए रखने के पक्ष में है। हांलांकि उन्हौंने यह भी कहा कि चीन कश्मीर के मसले पर पकिस्तान के रुख की कद्र करता है लेकिन उम्मीद करता है कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद बातचीत के माध्यम से इसका हल तलाशेंगे।

अफगानिस्तान के राजदूत डॉ. शारदा मोहम्मद अब्दाली ने कहा कि उनका मुल्क आतंकी समूहों के खिलाफ खडा है और किसी भी देश को उन्हें अपना पनाहगाह नहीं बनने देना चाहिए। उन्हौंने कहा कि अफगानिस्तान सरहद पार के आतंकियों से त्रस्त रहा है और भारत के बारे में भी यही महसूस करता है।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार इकबाल चौधरी ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कहा कि भारत के पास अपनी स्वायत्तता को बचाए रखने के लिए तमाम अधिकार हैं। मालूम हो कि ढाका ने भी विरोधस्वरुप इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया है।