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हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान पर मोदी का निशाना, कहा आतंक को संरक्षण देने वालों के खिलाफ सख्ती जरूरी

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेने भारत पहुंचे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की शनिवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात हुई। पीएम मोदी ने अजीज से हाथ मिलाया, लेकिन उनकी और अजीज के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।

Updated on: 04 Dec 2016, 12:57 PM

highlights

  • हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी से मिले सरताज अजीज
  • पीएम मोदी और सरताज अजीज के बीच नहीं हुई कोई बातचीत

New Delhi:

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के साथ अफगानिस्तान के करीबी संबंध रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा आतंकवाद की मार झेल रहे अफगानिस्तान की मदद करना हमारा मकसद है। उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान की शांति और विकास के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है।' उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल अफगानिस्तान ही नहीं बल्कि हमारे क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है। 

पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आतंकवाद के स्रोतों को भी खत्म करने की जरूरत है। मोदी ने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ चुप रहना इसे और  इसके आकाओं को बढ़ावा देना है।'

मोदी ने कहा कि चुनौतियों का सामना करने के बाद अफगानिस्तान नई शक्ति के रूप में उभरेगा। पीएम ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की हर संभव सहायता करेगा। 

मोदी ने कहा कि काबुल में पार्लियामेंट बिल्डिंग हमारी अफगानिस्तान के लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्धता को दिखाती है। उन्होंने कहा कि अपगानिस्तान में शांति बहाली के लिए विकास जरूरी है और भारत इसमें हर संभव मदद करेगा। 

उन्होंने कहा हम एयर ट्रांसपॉर्ट कॉरिडोर से अफगानिस्तान और भारत को जोड़ने की योजना बना रहे हैं।

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत शुरू हो गई है। मोदी और गनी की मुलाकात से ठीक पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार अजीज ने भी अफगान राष्ट्रपति से मुलाकात की।

हार्ट ऑफ एशिया के 6ठें मिनिस्ट्रियल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच बन रहा चाबहार पोर्ट हमारे लिए संपर्क का सबसे बेहतर जरिया है।

गनी ने कहा कि भारत ने बिना किसी शर्त और छिपी मंशा के बिना अफगानिस्तान की मदद की है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को भारत की मदद हमारे लोगों की जिंदगी सुधारने से जुड़ी है और यह पूरी तरह से निस्वार्थ है।

सम्मेलन के आखिर में जारी होने वाले साझा घोषणापत्र में आतंकवाद संबंधी हिस्से पर विशेष जोर रहने की उम्मीद है। सम्मेलन से पहले भारत के साथ ही अफगानिस्तान ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा करार दिया था।

माना जा रहा है कि ब्रिक्स की तरह ही भारत इस बार पाकिस्तान को आतंक के मुद्दे पर अलग-थलग करने की कोशिश करेगा। भारत को इसमें अफगानिस्तान का साथ मिलने की उम्मीद है। अमृतसर में दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में आतंकवाद प्रमुख मुद्दा रहेगा।

नवंबर महीने में भी जब भारत ने इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था, तब अफगानिस्तान और बांग्लादेश ने भारत के समर्थन में आते हुए सार्क बैठक में भाग लेने से मना कर दिया था और इसके बाद पाकिस्तान को सार्क की बैठक रद्द करनी पड़ी थी।

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वहीं दूसरी तरफ भारत पहुंचे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की शनिवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात हुई। पीएम मोदी ने अजीज से हाथ मिलाया, लेकिन उनकी और अजीज के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।

अमृतसर पहुंचने के बाद सबसे पहले अजीज ने सद्भावना के तौर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को फूलों का एक गुलदस्ता भेजते हुए उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की। खराब सेहत की वजह से सुषमा स्वराज फिलहाल एम्स में भर्ती है और उनकी जगह वित्त मंत्री अरुण जेटली सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। 

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40 देश ले रहे हिस्सा

भारत, चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान समेत 14 देशों के वरिष्ठ अफसर इसमें हिस्सा ले रहे हैं और 17 सहयोगी देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। करीब 40 देशों व यूरोपीय यूनियन जैसा बड़ा समूह इस सम्मेलन में शामिल है।

क्या है हार्ट ऑफ एशिया?

आतंकवाद, चरमपंथ व गरीबी से निबटने के लिए अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए 2011 में शुरू की गई पहल में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब जैसे देश मिल बैठकर रणनीति बनाते हैं।