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एक हादसा दर्द हज़ार: जब एक भरे-पूरे परिवार का सफ़र बन गया उनका आखिरी सफ़र

कानपुर ट्रेन हादसे ने कभी ना भुलाए जाने वाले दर्द दिए हैं। हादसे में गाजीपुर ज़िले का एक परिवार खत्म हो गया।

Updated on: 22 Nov 2016, 03:39 PM

highlights

  • एक ही परिवार के पांच लोगों की हुई मौत
  • मरने वालों में दूल्हा भी शामिल

यूपी:

कानपुर ट्रेन हादसे ने कभी ना भुलाए जाने वाले दर्द दिए हैं। हादसे में गाजीपुर ज़िले का एक परिवार खत्म हो गया। इतना ही नहीं मरने वालों में दूल्हा भी है, जिसकी महज 12 दिन बाद शादी होने वाली थी। इस हादसे के बाद पूरा परिवार दर्द और आंसुओं के सैलाब में डूब गया है। घर में शादी का जश्न होने वाला था, कुछ दिनों बाद खुशियां आने वाली थीं, लेकिन कौन जानता था कि खुशियों में शामिल होने वाला परिवार जब सफ़र के लिए निकलेगा तो यह उनका आखिरी सफ़र होगा।

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खत्म होने वाले परिवार के पड़ोसी विनीत दुबे ने बताया कि गाजीपुर के करंडा ब्लॉक के ब्राह्मणपुर गांव के राकेश वर्मा परिवार के साथ ट्रेन में सफर कर रहे थे। 26 नवंबर को राकेश वर्मा का तिलक था और 3 दिसंबर को उसके सिर पर सेहरा सजने वाला था। इंदौर से सभी ने वाराणसी के लिए ट्रेन पकड़ी, लेकिन पुखवायां के पास हुए हादसे में सब खत्म हो गया। इस भीषण ट्रेने हादसे में राकेश समेत परिवार की पूजा, आरोही, कौशल्या और हेमवंती की मौत हो गई। वहीं, साथ में आ रही प्रतिभा अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही है।

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गांव में रहने वाली अंजनी दुबे का कहना है कि इस परिवार के एक सदस्य राजा बाबू की कोई सूचना अभी तक नहीं मिली है। दरअसल परिवार के सभी लोग एस-2 बोगी में थे, लेकिन हादसे से चंद मिनट पहले राजा एक स्टेशन पर पानी लेने के लिए नीचे उतरा था और ट्रेन चल दी थी। जल्दबाज़ी में राजा ट्रेन के पीछे वाले कोच में सवार हो गया। इसके चंद मिनट बाद ही ट्रेन पलट गई।

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जिला पंचायत सदस्य, गाजीपुर हरेन्द्र यादव ने बताया कि दुख की इस घड़ी में सांत्वना देने के लिए घर पर आने वालों का तांता लगा हुआ है। घर के बाकी सदस्यों को समझ नहीं आ रहा है कि एक ही झटके में कैसे सब कुछ ख़त्म हो गया।