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जयललिता के फेवरेट एक्टर थे शम्मी कपूर, क्रिकेटर नारी कॉन्ट्रैक्टर पर था पहला क्रश

चैन्नई के अपोलो अस्पताल में 22 सितंबर से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता अब हमारे बीच नहीं रहीं। जयललिता की रविवार देर रात हार्ट अटैक आने से स्थिति काफी गंभीर हो गई थी, जिसके बाद से ही उनके सर्मथकों के साथ पूरा देश उनके लिए दुआएं मांगने लगा था। कद्दावर नेताओं में शुमार जयललिता ने राजनीति में ऐतिहासिक मुकाम बनाया है।

Updated on: 06 Dec 2016, 05:06 PM

नई दिल्ली:

चेन्नई के अपोलो अस्पताल में 22 सितंबर से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता अब हमारे बीच नहीं रहीं। जयललिता की रविवार देर रात हार्ट अटैक आने से स्थिति काफी गंभीर हो गई थी, जिसके बाद से ही उनके सर्मथकों के साथ पूरा देश उनके लिए दुआएं मांगने लगा था। कद्दावर नेताओं में शुमार जयललिता ने राजनीति में ऐतिहासिक मुकाम बनाया है।

डॉ एमजीआर उनके राजनीति गुरु थे

अन्नाद्रमुक के संस्थापक डॉ एमजीआर ही उन्हें राजनीति में लाने वाले उनके मार्गदर्शक थे। राजनीति की बागडोर संभालने से पहले दक्षिण भारत की खूबसूरती की मिसाल जयललिता ने फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

तमिल, तेलुगु, कन्नड़, अंग्रेजी और हिन्दी में 125 से भी ज्यादा फिल्में की

जयललिता ने तमिल, तेलुगु, कन्नड़, अंग्रेजी और हिन्दी में 125 से भी ज्यादा फिल्में की। उन्होंने बॉलीवुड में भी धर्मेंद्र सहित कई अभिनेताओं के साथ काम किया, लेकिन सबसे ज्यादातर फिल्में उन्होंने शिवाजी गणेशन और एमजी रामचंद्रन के साथ की है। आज हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ ऐसे ही पहलुओं से रूबरू करवाएंगे जो उन्होंने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू के दौरान बताए थे।

तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजी गईं 

तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजी गई जयललिता को वर्ष 1956 में आई राज कपूर और नर्गिस स्टारर फिल्म 'चोरी चोरी' का गाना 'आजा सनम मधुर चांदनी में हम तुम मिले तो विराने में भी आ जाएगी बहार' बेहद पसंद था।

हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार धर्मेंद्र के साथ 'इज्जत' फिल्म में काम किया

इसके अलावा हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार धर्मेंद्र के साथ उन्होंने 'इज्जत' फिल्म में काम किया है, जिनमें वह कयामत की खूबसूरत लग रही हैं। फिल्म के गाने 'रुक जा जरा किधर को चला मैं सदके तेरे पे बाबू रे बाबू रे' में उनको देखने के बाद कोई भी नजरें हटाने को तैयार नहीं हो पाता है।

शम्मी कपूर थे बेहद पसंद

1980 के बाद फिल्मों को अलविदा कहने वाली जयललिता को 'जंगली' फिल्म और शम्मी कपूर बेहद पसंद थे। इनके पीछे उनकी दीवानगी इस कदर थी कि वह हर किसी से बयां नहीं कर पाती थी। वह अकसर फिल्म के गाने 'कोई मुझे जंगली कहे' भी गुनगुनाती रहती थी।

क्रिकेटर नारी कांट्रेक्टर थे पहला क्रश 

क्रिकेट की शौकीन जयललिता को क्रिकेटर नारी कांट्रेक्टर काफी पसंद थे। उन्हें देखने के लिये वह अकसर क्रिकेट के मैदान में पहुंच जाती थी। उन्होंने इंटरव्यू में बताया था कि मैं जब छोटी थी तब क्रिकेट का टेस्ट मैच देखने जाया करती थी,  उस वक्त मैं नारी कॉन्ट्रैक्टर (क्रिकेट खिलाड़ी) को पसंद करती थी। इसके बाद मुझे शम्मी कपूर पर भी बहुत ज्यादा क्रश था। मगर हमारी कभी मुलाकात नहीं हुई।

बहुत ही कम हस्तियां होती हैं, जो जीने के साथ लोगों को अलविदा कहने के बाद भी उनके जहन में जिंदा रहती हैं। जयललिता भी उन्हीं में से एक हैं, जो हमेशा के लिए लोगों के दिलों पर राज करेंगी।