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नोटबंदी के बाद कश्मीर में नहीं हुई पत्थरबाजी: मनोहर पर्रिकर

पिछले एक हफ्ते में पत्थरबाजों का नेटवर्क टूटा है और शांति कायम हुई है। यही नहीं, घाटी में हवाला कारोबार पर भी इसकी गाज गिरी है।

Updated on: 15 Nov 2016, 12:10 AM

नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि नोटबंदी के बाद से कश्मीर में पत्थरबाजी की एक भी घटना सामने नहीं आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए पर्रिकर, 'इससे पहले सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकने वालों को 500 रुपये दिए जाते थे जबकि 1000 रुपये कुछ और काम करने के लिए, लेकिन प्रधानमंत्री के कारण आतंक को होने वाली ये फंडिग खत्म हो गई है।' 

पर्रिकर ने कहा कि मसला आर्थिक सुरक्षा का हो या सीमा सुरक्षा का प्रधानमंत्री ने हमेशा ही साहसिक फैसले लिए हैं। इससे पहले गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से भी खबर आई थी कि पैसों की कमी से पिछले एक हफ्ते में कश्मीर में पत्थरबाजों का नेटवर्क टूटा है और शांति कायम हुई है। यही नहीं, घाटी में हवाला कारोबार पर भी इसकी गाज गिरी है। 

यह आरोप लगते रहे हैं कि कश्मीर के अलगाववादी नेता फंडिंग के लिए बांग्लादेश, नेपाल और दुबई के जरिए हवाला पर निर्भर रहते हैं। अब अचानक पैसों की कमी से ये पूरा तंत्र कमजोर हुआ है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी की घोषणा के दो दिन बाद ही जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस फैसला का स्वागत किया था। उन्होंने नरेंद्र मोदी के फैसले को साहसिक बताते हुए कहा था कि इससे काले धन और भ्रष्टाचार से निपटने में मदद मिलेगी।

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हालांकि, कश्मीर के कारोबारियों पर इसका एक दूसरा असर भी पड़ा है। पहले से हिंसा और बंद झेल रही कश्मीर घाटी में भी पैसों के लिए लोगों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। कई जगहों पर मोबाइल इंटरनेट सर्विस बहुत पहले से बंद है, इस कारण ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और बिल भुगतान भी मुश्किल है।