जैव कृषि विविधता के संरक्षण के लिए हर देश को एक दूसरे से सीखने की जरूरत : मोदी
दिल्ली में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में 60 देशों के 900 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। ये सम्मेलन 9 नवंबर तक चलेगा।
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विज्ञान भवन में पहले अंतर्राष्ट्रीय जैव कृषि विविधता सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रकृति, हमारे समाज और हमारे पूर्वजों से शुरू हुए रिवाजों का गहरा संबंध है। आज समय आ गया है कि हम जैव कृषि विविधता और इस पर निर्भर जीवों के सरंक्षण पर ध्यान दें।
Nature was entwined with the society and its rituals by our ancestors. That way Nature sustained, survived: PM Modi pic.twitter.com/ya8vHET6Mo
— ANI (@ANI_news) November 6, 2016
This is the time we have to change the way of thinking, now is the time to preserve the agro-biodiversity and its inhabitants: PM Modi pic.twitter.com/2amnOE5lM5
— ANI (@ANI_news) November 6, 2016
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात का भी जिक्र किया कि भारत जैव कृषि विविधता का भंडार है और हर देश को एक दूसरे से सीखने की जरूरत है।
Every country needs to learn from other countries in the World. Research needs to be done and best practices need to be noted & curated: PM
— ANI (@ANI_news) November 6, 2016
दिल्ली में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में 60 देशों के 900 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। ये सम्मेलन 9 नवंबर तक चलेगा।
इस सम्मेलन में जैव विविधता के संरक्षण और एक-दूसरे की जानकारियों को साझा करने पर विचार विमर्श होगा।
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