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ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन ने भारत में 47 हजार 700 करोड़ रु निवेश किए

वोडाफोन इंडिया देश की दूसरी बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी है

Updated on: 22 Sep 2016, 06:18 PM

नई दिल्ली:

टेलीकॉम बाजार में बढ़ते हुए कंपीटीशन में बने रहने के लिए भारत की दूसरी बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन इंडिया में 47 हजार 700 करोड़ का निवेश हुआ है। ये पैसा भारत में कंपनी के विस्तार, नई सेवाओं और अपने संसाधनो को मजबूत करने के लिए मल्टी नेशनल ब्रटिश कंपनी वोडाफोन ने निवेश किया है।

वोडाफोन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील सूद ने ये दावा किया है कि भारत में ये अबतक का सबसे बड़ा FDI निवेश है। सुनील सूद के मुताबिक वोडाफोन इंडिया इन पैसों का इस्तेमाल कंपनी के विस्तार के अलावा अगले सप्ताह होने वाली स्पेक्ट्रम की निलामी में भी खर्च करेगी और कंपनी पर अभी करीब 25 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है जो कंपनी की इक्विटी का आधा है।

सुनील सूद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कंपनी बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पूरे दमखम से काम कर रही है।वोडाफोन के अभी भारत में करीब 20 करोड़ ग्राहक हैं जिसमें 10 करोड़ से ज्यादा वोडाफोन के ग्राहक ग्रामीण भारत के लोग हैं। वोडाफोन कंपनी 2007 से अबतक भारत में करीब 1 लाख 15 हजार 500 करोड़ रुपये में निवेश कर चुकी है।

रिलायंस जिओ के लॉन्च होने के बाद एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया जैसे बड़ी कंपनियों के लिए बाजार में बने रहने की चुनौती और बढ़ गई है क्योंकि पहली बार रिलायंस जिओ ने टेलीकॉम सेक्टर में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये निवेश किया है और वो अपने ग्राहकों को पहली बार मुफ्त कॉल और बेहद सस्ते दर पर डाटा सेवा मुहैया करी रही है।

1 अक्टूबर से शुरु हो रहे 7 सर्किलों के लिए स्पेक्ट्रम निलामी में जहां 7 कंपनियां मिलकर 14 हजार 653 करोड़ रुपये खर्च कर रही है वहीं रिलायंस अकेले स्पेक्ट्रम खरीद पर 6 हजार 500 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वोडाफोन इंडिया स्पेक्ट्रम निलामी में करीब 2 हजार 740 करोड़ रुपये खर्च करेगी। दूसरी तरफ वित्त मंत्रालय ने इस स्पेक्ट्रम निलामी से करीब 98 हजार 995 करोड़ रुपये राजस्व की कमाई होने का लक्ष्य रखा है