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भारत-पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की सुप्रीम कोर्ट ने परमाणु केस को खारिज किया

संयुक्त राष्ट्र की सुप्रीम कोर्ट ने भारत-पाकिस्तान और ब्रिटेन के खिलाफ मार्शल द्वीप समूह की उस अपील को खारिज कर दिया है

Updated on: 05 Oct 2016, 05:04 PM

नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र की सुप्रीम कोर्ट ने भारत-पाकिस्तान और ब्रिटेन के खिलाफ मार्शल द्वीप समूह की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमें मार्शल द्वीप ने आरोप लगाया था कि ये देश परमाणु हथियारों की दौड़ को रोक पाने में असफल साबित हुए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट की 16 जजों के बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए केस को खारिज कर दिया। 55 हजार की जनसंख्या वाले इस देश का मानना है कि परमाणु हथियारों का असर और उसके परिणाम की उसे जानकारी है इसलिए वह इस मामले को उठा रहा है।

गौरतलब है कि इस द्वीप समूह के पास अमेरिका ने 1946 से लेकर 1958 तक कई परमाणु टेस्ट किए थे। साल 2014 में मार्शल द्वीप ने 9 देशों पर ये आरोप लगाया था कि परमाणु अप्रसार संधि के बावजूद भी कई देश परमाणु हथियारों का विस्तार कर रहे हैं। मार्शल द्वीप का कहना है कि परमाणु हथियारों की अप्रसार संधि का भारत, पाकिस्तान और ब्रिटेन ने उल्लंघन किया है।

परमाणु अप्रसार संधि के मुताबिक परमाणु शक्ति वाले देशों को परमाणु हथियारों के प्रसार और उसको खत्म करने के लिए प्रयास करने होते हैं ।परमाणु विशेषज्ञों के मुताबिक इस केस से परमाणु निरस्त्रीकरण का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आएगा जो पिछले दो दशकों से एकदम खत्म सा हो गया था।

साल 1996 में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने एक केस में सलाह जारी कर कहा था कि दुनिया के परमाणु शक्ति संपन्न देशों को आपस में बातचीत कर हथियारों के भंडार को कम करना चाहिए।