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विपक्ष ने कहा चर्चा के बिना नहीं चलने देंगे सदन की कार्यवाही

संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है, जो 16 दिसंबर तक चलेगा।

Updated on: 14 Nov 2016, 11:31 PM

नई दिल्ली:

संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सरकार और विपक्ष आमने-सामने नज़र आ रही है। सोमवार को लोकसभा स्पीकर के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बात के साफ़ संकेत दिए हैं कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो सत्र चलाने में तकलीफ़ होगी।

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता में हुई ऑल पार्टी मीटिंग के दौरान विपक्ष के नेता खडगे ने अपनी मांग रखते हुए कहा, 'नोटबंदी, कश्मीर में अशांति, सर्जिकल स्ट्राइक, वन रैंक वन पेंशन और पाकिस्तान को लेकर सरकार की पॉलिसी जैसे मुद्दे पर चर्चा की जाए।'

शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस की रणनीति पर चर्चा के लिए पार्टी ने मंगलवार सुबह बैठक बुलाई है जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी बड़े नेताओं को मौज़ूद रहने का निर्देश दिया गया है।

संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है, जो 16 दिसंबर तक चलेगा। इससे पहले रविवार को भी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस शीतकालीन सत्र में नियम 56 और 193 के तहत नोटबंदी का मुद्दा उठाएगी। जबकि राज्य सभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य सभा के नियम 267 के तहत नोटिस दिया हुआ है।

वहीं नोटबंदी के फैसले के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सभी विपक्षी राजनीतिक दलों से एकजुट होने की अपील की है। ममता ने इसके लिए अपनी प्रतिद्वंदी वामदलों से भी समर्थन मांगा है। उन्होंने सीताराम येचुरी से अनुरोध किया है कि वह बीजेपी और इसके जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ दें।

ज़ाहिर है विपक्ष पहले से ही सरकार को विमुद्रीकरण के मुद्दे पर घेर रही है। ऐसे में सरकार कोई ऐसा रास्ता निकलना चाहती है जिससे शीतकालीन सत्र सुचारू रूप से चल सके। जबकि विपक्ष अपनी मांग को लेकर सरकार के सामने अडिग दिखाई दे रहा है।