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नियमित कसरत से याद्दाश्त रहती है मजबूत: रिसर्च

वैसे लोग जो लगातार कसरत करते हैं उनके मस्तिष्क में मौज़ूद ग्रे मैटर ज़्यादा मोटी होती है जिससे उनकी याद रखने की क्षमता ज़्यादा बेहतर होती है।

Updated on: 14 Nov 2016, 07:31 PM

highlights

  • अल्जाइमर एवं डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क में ग्रे मैटर पतली हो जाती है
  • कसरत नहीं करने वाले बुज़ुर्गों के दिमाग़ में मौज़ूद ग्रे मैटर की परत पतली होती है
  • कसरत करने से ग्रे मैटर मोटी होती है, जिससे याद रखने की क्षमता बढ़ती है

 

नई दिल्ली:

एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि वैसे बुज़ुर्ग जो कैलोरी कम करने के लिए स्विमिंग, डांसिंग और वॉकिंग जैसी कसरत करते हैं उनकी याद्दाश्त ज़्यादा अच्छी होती है। अल्जाइमर एवं डिमेंशिया पर रिसर्च करते हुए वैज्ञानिकों ने पाया की कसरत नहीं करने वाले बुज़ुर्गों के दिमाग़ में मौज़ूद ग्रे मैटर की परत पतली रहती है जिससे उनकी याद्दाश्त कमज़ोर होती जाती है।

दरअसल मस्तिष्क के अंदर ग्रे मैटर सेल्स पाया जाता है जो आपके पूरे शरीर से सम्बंधित सभी जानकारी आपके दिमाग़ तक पहुंचाता है और आपके याद्दाश्त को भी दुरुस्त रखता है। 

इस रिसर्च में पाया गया है कि अल्जाइमर एवं डिमेंशिया से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क में ग्रे मैटर पतली हो जाती है जिससे उन्हें याद रखने और बोलने में तकलीफ होती है।

अल्जाइमर एवं डिमेंशिया रोग से ज़्यादातर पीड़ित बुज़ुर्ग ही होते हैं। 

जबकि वैसे लोग जो लगातार कसरत करते हैं उनके मस्तिष्क में मौज़ूद ग्रे मैटर ज़्यादा मोटी होती है जिससे उनकी याद रखने की क्षमता ज़्यादा बेहतर होती है।