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ट्रिपल तलाक़: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और 'सेक्युलर पार्टीज़' के विरोध से मजबूत होंगे बीजेपी के हाथ

कोर्ट धार्मिक और पारंपरिक मुद्दे में अपना मत नहीं देती है लेकिन जब कभी पुरुष, महिला, बच्चे और उनके बीच के संबंधों की बात होती है तो कोर्ट इन सभी मसलों पर निष्पक्ष राय रखता है।

Updated on: 14 Oct 2016, 05:45 PM

नई दिल्ली:

ट्रिपल तलाक़ का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भुषण ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर क़ानून में बदलाव का समर्थन करते हुए कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सेक्युलर पार्टीज़ कॉमन सिविल कोड का विरोध कर रही हैं। वो सभी बीजेपी पार्टी की तरह ही मुद्दे को लेकर राजनीत कर रहे हैं और इन सबसे बीजेपी के ही हाथ मजबूत होंगे।

आगे उन्होंने कहा कि कोर्ट धार्मिक और पारंपरिक मुद्दे में अपना मत नहीं देती है लेकिन जब कभी पुरुष, महिला, बच्चे और उनके बीच के संबंधों की बात होती है तो कोर्ट इन सभी मसलों पर निष्पक्ष राय रखता है।

इससे पहले बीजेपी ने ट्रिपल तलाक़ के मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि महिलाओं के उत्थान के लिए इस क़ानून में बदलाव ज़रूरी है इसलिए बीजेपी उन बदलाव का समर्थन करता है।  लेकिन बीजेपी के इस बयान पर राजनीति शुरू हो गयी थी जो अब भी शांत होने का नाम नहीं ले रही।