भारत ने पेरिस समझौते को स्वीकारा, ओबामा ने पीएम मोदी की तारीफ की
भारत ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को रविवार को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया। गांधी जयंती पर भारत के इस कदम का अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्वागत किया है।
नई दिल्ली:
भारत ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को रविवार को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया। गांधी जयंती पर भारत के इस कदम का यूएन चीफ बान की मून और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्वागत किया है। ओबामा ने कहा, 'गांधीजी के विचारों का पालन करते हुए पेरिस एग्रीमेंट का हिस्सा बन कर पीएम मोदी और भारत की जनता ने इस विचार को बरकरार रखा है।'
Gandhiji believed in a world worthy of our children. In joining the Paris Agreement, @narendramodi & the Indian people carry on that legacy.
— President Obama (@POTUS) October 2, 2016
UN Secretary General Ban Ki-moon warmly congratulate India for ratifying and formally joining #ParisAgreement today: UN Secy General Spox
— ANI (@ANI_news) October 2, 2016
मून ने कहा कि भारत द्वारा पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते का अनुमोदन करने के कदम ने इस ऐतिहासिक समझौते को इस वर्ष लागू करने के लक्ष्य की दिशा में विश्व को और आगे बढ़ा दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने पेरिस समझौते के बारे में हस्ताक्षरित दस्तावेज संयुक्त राष्ट्र संधि विभाग के प्रमुख को सौंपा। भारत के इस रुख से बढ़ते वैश्विक तापमान को काबू में करने के लिए समझौते के तहत तय अंतरराष्ट्रीय कदमों को लागू करने के काम में तेजी आएगी।
इससे पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पेरिस समझौते पर सरकार के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को कहा था, 'गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को भारत पेरिस जलवायु समझौते की पुष्टि कर देगा।'
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में जलवायु परिवर्तन पर सम्मेलन के दौरान 190 देशों ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में इस समझौते को मंजूरी दी थी।
पेरिस समझौते में वैश्विक तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती की वैश्विक कार्य योजना तय की गई है। समझौते में कहा गया है कि विकसित देशों के अनियंत्रित कार्बन उत्सर्जन के कारण तापमान में वृद्धि होती रही है। अकेले अमेरिका का 30 फीसद, यूरोप, कनाडा एवं अन्य विकसित देशों का 50 फीसद और चीन का 10 प्रतिशत योगदान है। भारत केवल 3 फीसद कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार है।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह