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अब IRCTC से टिकट के बाद शॉपिंग भी कीजिए, कैशलेस ट्रांजिक्शन को बढ़ावा देने की पहल

नोटबंदी के बाद कैश की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार लोगों को कैश लेस पेमेंट, बिल और खरीददारी के लिए प्रोत्साहित कर रही है

Updated on: 04 Dec 2016, 04:14 PM

नई दिल्ली:

नोटबंदी के बाद कैश की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार लोगों को कैशलेस पेमेंट, बिल और खरीददारी के लिए प्रोत्साहित कर रही है। सरकार चाहती है लोग ज्यादातर ट्रांजिक्शन डेबिट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड, इलेक्ट्रॉनिक क्लिरिंग जैसी सुविधाओं से करे ताकि कैशलैस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर बाजार में ब्लैक मनी के फ्लो को कम किया जा सके।

इसके लिए रेल मंत्रालय अपनी वेबसाइट को अपग्रेड करने में जुटी हुई है ताकि आईआरसीटीसी ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को कैशलेस ट्रांजिक्शन की सुविधा मुहैया करा सके।भारतीय रेलवे ने अपने ग्राहकों को आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर इंटरनेट टिकटिंग के जरिए आरक्षित टिकटें बुक करने के लिए कैशलेस टिकटिंग का विकल्प दिया है।

ट्रेन के आरक्षण का 58 फीसदी से ज्यादा टिकट ई-टिकटिंग के जरिए ही बुक होता है। आईआरसीटीसी पश्चिम और केंद्रीय रेलवे की सबअर्बन ट्रेन सेवाओं के लिए सीजन टिकट खरीदने का भी ऑप्शन उपलब्ध करा रही है ।

मोबाइल फोन के जरिए अनारक्षित टिकटें खरीदने की सुविधा दिल्ली, मुबंई, चेन्नई, कोलकाता और सिकंदराबाद में उपलब्ध है । ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन जिनसे स्मार्ट कार्ड के इस्तेमाल से अनारक्षित टिकटों का वितरण होता है

सरकार ने कैशलेस ट्रांजिक्शन के कई फायदे बताएं हैं जो हम आपको यहां बताने जा रहे हैं

1.किसी सामान और सेवाओं को लेने के लिए कैश रखने की जरूरत नहीं होगी, पैसे की बचत होगी।
2.खुले पैसे ना होने पर ज्यादा कीमत देने से आप बच पाएंगे। इससे आप किसी भी सामान को उसी कीमत पर खरीद पाएंगे जितनी उसकी कीमत है।
3.खरीदारी में सुविधा, बिलों का भुगतान और वित्तीय लेन-देन को घर, ऑफिस या कहीं से भी आप अपने स्मार्टफोन के जरिए कर सकते हैं ।
4.डिजीटल भुगतान करने से करेंसी नोट की प्रटिंग और नोट को लाने-ले जाने पर सरकार का खर्च कम होगा।
5.इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन भ्रष्टाचार से लड़ने और काले धन के प्रवाह को कम करने में मदद करता है। इससे देश के आर्थिंक विकास को रफ्तार मिलती है।
6.इलेक्ट्रॉनिक लेन देने से सरकार को बेहतर टैक्स मिल पाता है और इससे टैक्स की चोरी भी रुकती है।
7.सरकार को ज्यादा टैक्स मिलने पर राज्य सरकार के आय में बढ़ोतरी होगी जिससे जन कल्याण कार्यक्रमों के फंड के लिए ज्यादा धनराशि उपलब्ध होगी।