logo-image

कैश की कमी से निपटने के लिए जल्द आएगा माइक्रो एटीएम, जानिए कैसे करता है काम

यह एटीएम स्वाइप कार्ड मशीनों की तरह होते हैं। इन मशीनों में यूजर को कार्ड स्वाइप कर पिन कोड डालना होता है।

Updated on: 14 Nov 2016, 11:01 PM

highlights

  • स्वाइप मशीनों की तरह होता है माइक्रो एटीएम
  • दूर-दराज के इलाकों में ले जाना आसान

नई दिल्ली:

500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद जिस तरह पूरे देश में कैश के लिए हायतौबा मची है उसे देखते हुए अब सरकार तमाम जगहों पर माइक्रो एटीएम लगाने पर विचार कर रही है। सोमवार को वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश भर में माइक्रो एटीएम लगाए जाएंगे। इससे गांव और छोटे शहरों में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जहां आम तौर पर एटीएम की कमी है।

क्या है माइक्रो एटीएम और कैसे करता है काम

यह एटीएम स्वाइप कार्ड मशीनों की तरह होते हैं। इन मशीनों में यूजर को कार्ड स्वाइप कर पिन कोड डालना होता है। फिर, वहां खड़ा बैंक का प्रतिनिधि आपको पैसे देता है। जितने पैसे आपने बैंक के प्रतिनिधि से लिए उतना आपके अकाउंट से कट जाएगा। इसके जरिए पैसे जमा कराने या ट्रांसफर जैसे काम भी किए जा सकते हैं।

इन छोटे मशीनों का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इन्हें दूर-दराज के अन्य इलाकों में भी आसानी से ले जाया जा सकता है। माइक्रो एटीएम का प्रचलन अगर बढ़ता है तो उन इलाकों के लोग भी इलेक्ट्रोनिक बैंकिंग सेवा से जुड़ सकते हैं जहां एटीएम जैसी सुविधाएं मौजूद नहीं हैं।