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संयुक्त राष्ट्र में बोले ओबामा, 'छिपकर वार करने से बाज आएं मुल्क'

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित करते हुए कहा कि छिपकर वार करने वाले देश इससे बाज आएं। हमने आतंकवादियों के पनाहगाह मिटाए हैं।

Updated on: 21 Sep 2016, 10:22 AM

नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकवाद को समर्थन दे रहे देशों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित करते हुए कहा कि छिपकर वार करने वाले देश इससे बाज आएं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर समुदायों को सह-अस्तित्व की इजाजत नहीं दी गई तो चरमपंथ के अंगारे उन्हें जला डालेंगे। जिससे अनगिनत लोग पीड़ित होंगे और चरमपंथ बाहरी मुल्कों में पहुंचेगा।'

अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अपने आखिरी भाषण में उन्होंने स्वीकार किया कि चरमपंथी और सांप्रदायिक हिंसा पश्चिम एशिया को अस्थिर कर रहा है। इसके कहीं और फैलने से फौरन नहीं रोका जा सकेगा।

भारत ने पाकिस्तान पर 'जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा' जैसे आतंकी संगठनों को समर्थन देकर, सशस्त्र करने और प्रशिक्षण देकर एक परोक्ष युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि रविवार को कश्मीर के उरी में सेना के एक बटालियन मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने आखिरी भाषण में भारत की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि भारत 'शानदार ग्रोथ' के रास्ते पर कायम है। यूएनजीए के 71वें सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और चीन शानदार ग्रोथ के रास्ते पर कायम है। ओबामा जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, शरणार्थी समस्या, साउथ चाइना सी के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी।

 

बराक ओबामा ने कहा कि पेरिस समझौते ने हमें काम करने के लिए ढांचा दिया है लेकिन केवल तब जब हम अपनी महत्वाकांक्षाओं का स्तर ऊंचा करेंगे। उन्होंने शरणार्थियों के मुद्दे पर कहा कि बहुत सारे देश शरणार्थियों के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं पर कई देश और भी ज्यादा कर सकते हैं।

19 सितंबर से 26 सितंबर के बीच चलने वाले इस सत्र में 195 देश हिस्सा ले रहे हैं।