नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक पर पड़ा 1050 करोड़ रु का अतिरिक्त बोझ
एक रिपोर्ट के मुताबिक कैश रिजर्व रेशियो को बनाए रखने के लिए आरबीआई विशेष तैयारी करने में जुटा हुआ है।
नई दिल्ली:
एक रिपोर्ट के मुताबिक कैश रिजर्व रेशियो को बनाए रखने के लिए आरबीआई विशेष तैयारी करने में जुटा हुआ है।
नोटबंदी के बाद एक महीने में आरबीआई पर 1050 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है जिससे कैश रिजर्व रेशियो यानि की सीआरआर को बनाए रखने में रिजर्व बैंक को चुनौतियों का सामना करना पड़ रह है।
भारतीय रेटिंग रिसर्च के मुताबिक अतिरिक्त सीआरआर की वजह से बैंकों का खर्च बढ़ेगा। इस महीने 1050 करोड़ रु का अतिरिक्त बोझ आरबीआई पर पड़ेगा।
पिछले सप्ताह आरबीआई ने बैंको को निर्देश दिया था कि बैंक सितंबर से नवंबर के बीच कैश की अधिकता पर जो बैंक की देनदारी बनती है उसके रेशियो और सीआरआर के रेशियो को बनाए रखें।
हालांकि इस फैसले पर भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि ये अस्थायी उपाय है ताकि संतुलन बना रहे लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से बैंको से करीब 3 अरब रुपये की निकासी हो जाएगी।
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