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भारत के राष्ट्रगान जन-गण-मन से जुड़ी 10 खास बातें

देशभर के सिनेमा हाल में फिल्म की शुरूआत से पहले राष्ट्रीय गान चलाना अनिवार्य कर दिया है।

Updated on: 30 Nov 2016, 01:57 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को देशभर के सिनेमा हाल में फिल्म की शुरुआत से पहले राष्ट्रीय गान चलाना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही हॉल में मौजूद सभी लोगों को राष्ट्रगान चलाए जाने के दौरान खड़ा होना पड़ेगा। इसी संबंध में आज हम आपको देश के राष्ट्रगान से जुड़ी 10 जरूरी बातें बताते है:-


1-जन-गण-मन को भारत ने राष्ट्रगान को 24 जनवरी 1950 के संविधान संभा में अपनाया गया था।

2-इसे नोबेल पुरस्कार विजेता और भारतीय साहित्यकार रबिंद्रनाथ टैगोर ने बंगाली भाषा में लिखा था।

3-बंगाली में लिखे गए राष्ट्रगान का हिंदी अनुवाद आबिद अली ने किया था। इसे अलहिया बिलावल राग में गाया जाता है। 

4-राष्ट्रगान को गाने की अवधि 52 सेकेंड है, कुछ मौकों पर इसे संक्षिप्त रूप (20 सेकेंड) में भी गाया जाता है।

5-टैगोर ने इसके पांच छंद लिखे थे, लेकिन पहले छंद को ही राष्ट्रगान के तौर पर गाया जाता है। इसमें 5 दोहा है।

6-राष्ट्रगान को गाते या बजाते समय बैठे रहना अपराध नहीं है, बल्कि इस दौरान किसी भी अनुचित गतिविधि में संलग्न नहीं होना चाहिए।

7-1947 में वंदे मातरम और जन गण मन के बीच राष्ट्रगान का चुनाव कराने के लिए वोटिंग हुई थी, इस वोटिंग में वंदे मातरम को ज्यादा वोट मिले थे।  

8-प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 की धारा तीन के मुताबिक, 'अगर कोई राष्ट्रगान में विघ्न डालता है या किसी को राष्ट्रगान गाने से रोकने की कोशिश करता है, तो उसे ज्यादा से ज्यादा तीन साल कैद की सजा या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।'

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9-राष्ट्रगान को गाने के लिए किसी को भी बाध्य नहीं किया जा सकता। 1986 के एक मामले के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि अगर कोई राष्ट्रगान का सम्मान करता है मगर गाता नहीं है तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आता।

10-1975 से पहले, फिल्म के बाद राष्ट्रगान को गाने की परंपरा थी। लेकिन वहां पर लोगों द्वारा इसको उचित सम्मान न देने पर इस पर रोक लगा दी गयी।