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केवल सुप्रीम कोर्ट में ही होगी नोटबंदी से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई

नोटबंदी पर दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में फिलहाल सरकार की योजना दख़ल देने से मना कर दिया है।

Updated on: 16 Dec 2016, 05:50 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के मामले में किसी तरह का दखल देने से मना कर दिया है
  • कोर्ट ने कहा कि यह आर्थिक नीति से जुड़ा मसला हैं और इसके लिए सरकार को किसी निर्देश की जरूरत नहीं है

New Delhi:

नोटबंदी पर दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में फिलहाल सरकार की योजना दख़ल देने से मना कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि यह सरकार की आर्थिक नीति से जुड़ा मसला हैं। अदालत ने टोल, मेडिकल स्टोर और हॉस्पिटल जैसी सेवाओं में 500 रुपये के पुराने नोटों की समय सीमा को 15 दिसम्बर से आगे बढ़ाने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसे लेकर सरकार को किसी निर्देश की जरूरत नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को प्रति हफ्ते 24000 रुपये निकाले जाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। कोर्ट ने माना कि आम लोगों की समस्या को लेकर सरकार गंभीर है और वह पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को बड़ी राहत देते हुए नोटबंदी के खिलाफ देश भर के अलग अलग हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने साफ़ कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आलावा कोई दूसरी अदालत नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं को नहीं सुनेगा।

अदालत ने नोटबंदी के नोटिफिकेशन को लेकर संवैधानिकता से जुड़े विषय को विचार के लिए बड़ी बेंच के पास भेज दिया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 9 सवालों की सूची तैयार की है जिस पर बड़ी बेंच सुनवाई करेगी।