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दिवंगत नेता जे.जयललिता की क़रीबी शशिकला से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री पनीर सेल्वम

बैठक में पार्टी के नेतृत्व पद को लेकर चर्चा हुई, जिसकी कमान खुद जयललिता के हाथ में थी।

Updated on: 09 Dec 2016, 12:15 AM

चेन्नई:

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने गुरुवार को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की दिवंगत नेता जे.जयललिता के पोज गार्डन स्थित आवास पर उनकी विश्वासपात्र शशिकला नटराजन से मुलाकात की। पार्टी के अधिकारियों ने कहा कि बैठक में वरिष्ठ मंत्री तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। पार्टी में कोई पद न रखने के बावजूद यह बैठक एआईएडीएमके में शशिकला की महत्ता की ओर इशारा करता है।

बैठक में पार्टी के नेतृत्व पद को लेकर चर्चा हुई, जिसकी कमान खुद जयललिता के हाथ में थी।

शशिकला के पति एम.नटराजन जयललिता के अंतिम संस्कार के वक्त शशिकला के साथ ही नजर आ रहे थे। उन्हें जयललिता ने पोज गार्डन स्थित अपने आवास से निकाल दिया था।

कांग्रेस नेताओं- राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद तथा एस.तिरुनवुक्करसर के बाद उन्होंने जयललिता को पुष्पांजलि अर्पित की थी।

एआईएडीएमके के अधिकारियों के मुताबिक, काफी संख्या में विधायक शशिकला के प्रति वफादार हैं, क्योंकि उनके कहने पर कई चुनावों में कई लोगों को टिकट मिला था और उन्हीं के कहने पर कई लोगों की पार्टी के अन्य पदों पर नियुक्तियां की गई थीं।

कहा जा रहा है कि शशिकला खुद पार्टी महासचिव पद पर आसीन हो सकती हैं, लेकिन ऐसा करना उनके लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि कई अन्य लोग भी कतार में हैं।

पन्नीरसेल्वम व शशिकला दोनों ही तीवर हैं। एआईएडीएमके में अन्य प्रमुख जाति समूहों में गोंदार, वन्नियार तथा दलित हैं।

एक राजनीतिक विश्लेषक के मुताबिक, जयललिता आयंगर ब्राह्मण थीं, जो तमिलनाडु में कोई प्रमुख जाति नहीं है। यही कारण था कि इतने वर्षो तक वह पार्टी को एकजुट रखने में कामयाब रहीं।

जयललिता के बाद पार्टी में ऐसा कोई करिश्माई नेता नहीं है, जो न सिर्फ वोट बटोर सके, बल्कि पार्टी को भी एकजुट रख सके।