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Video: राष्ट्रपति संपत्ति पर 42 सालों से रह रहे हैं ये लोग, किसी को नहीं लगी भनक

राष्ट्रपति की संपत्ति पर इतनी बड़ी चूक होना देश के लिये चिंता का विषय है।

Updated on: 13 Dec 2016, 03:12 PM

highlights

  • इनकी पहचान 60 साल के गाजी नूरुल हसन और 22 साल के मुरसलीन के तौर पर हुई
  • पुलिस, आईबी और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट कोई भी नहीं लग पाई इसकी भनक

नई दिल्ली:

दिल्ली में एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार पर सवालिया निशान खड़े हो गये हैं। राष्ट्रपति की संपत्ति पर इतनी बड़ी चूक होना देश के लिये चिंता का विषय है। राष्ट्रपति संपत्ति के सामने जंगल के परेड ग्राउंड में मजार की गुफा में पिछले 42 साल से दो लोग रहे हैं, लेकिन अभी तक न तो इनके बारें में पुलिस को पता है, न ही आईबी और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट इसकी कोई भी भनक लग पाई हैं।

शनिवार की रात दिल्ली पुलिस ने कंट्रोल रूम को कॉल करके बताया कि राष्ट्रपति संपत्ति के जंगलों में परेड ग्राउंड में दो संदिग्ध घुस गए हैं। पुलिस बल ने 73 एकड़ में फैले जंगल में सर्च आपरेशन शुरू किया। जंगल में करीब दो किलोमीटर अंदर जाने पर पुलिस को मजार के नीचे एक गुफा में सोते हुए दो लोग मिले।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने इन दोनों को चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन ले गई, जहां आईबी की टीम ने इनसे पूछताछ की। इनकी पहचान 60 साल के गाजी नूरुल हसन और 22 साल के मुरसलीन के तौर पर हुई है। लेकिन इनके बारे में जानकर पुलिस और आईबी की टीम भी हैरान रह गई।

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हैरानी की बात ये है कि गाजी नूरूल हसन राष्ट्रपति भवन के सामने जंगल के परेड ग्राउंड मे मजार की गुफा में पिछले 42 साल से रह रहा है। इस पते पर उसका वोटर आईकार्ड, पासपोर्ट, आधारकार्ड और पैन कार्ड तक बना हुआ है। इनका पता है, डीएच दरगाह ख्वाजा परेड ग्राउंड मदर टैरेसा क्रीसेंट। इंटरेस्टिंग बात तो ये है कि इस गुफा में इनके नाम से बिजली का मीटर भी लगा है, लेकिन लोकल पुलिस, पीसीआर, आईबी और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट तक को नहीं पता है कि ये शख्स यहां 42 साल से रह रहा है।

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ये संदिग्ध राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 29 के सामने की दीवार फांदकर रिज के अंदर घुसा था। वह पिछले 2 साल से उसी रास्ते का इस्तेमाल कर रहा है,क्योंकि पुराने रास्ते पर पाइप लगा दिए गए हैं, जिससे वह रास्ता बंद हो गया है।

नूरुल के मुताबिक वो राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के जमाने में दिल्ली आया था और राष्ट्रपति भवन में अरबी का ट्यूटर था। इस मजार पर वो उर्स भी करवा चुका है। जिसकी इजाजत लिखित में उसने इसी पते पर पुलिस से ली थी। इस घटना से शनिवार की रात पूरे इलाके में हड़कंप मचा रहा और पुलिस के तमाम आला अधिकारी जंगल में भटक रहे थे। पुलिस का कहना है कि ये सब गलतफहमी के चलते हुआ था।