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पाकिस्तान: बम निरोधक दस्ते में पहली बार शामिल हुई महिला

राफिया कासिम बेग को 15 दिनों तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इस दौरान उन्हें बम के विभिन्न प्रकार और उन्हें डिफ्यूज़ करने के तरीकों के बारे में बताया जाएगा।

Updated on: 11 Dec 2016, 07:04 PM

highlights

  • राफिया 15 दिनों तक ट्रेनिंग दी जाएगी
  • सात साल पहले बतौर कॉन्सटेबल पुलिस में हुई थी शामिल

पेशावर:

पाकिस्तान में बम निरोधक दस्ते (बीडीयू) में पहली बार महिला को शामिल किया गया है। खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत की राफिया कासिम बेग (29) पाक बीडीयू में शामिल होने वाली पहली महिला बन गई हैं।

राफिया कासिम बेग को 15 दिनों तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इस दौरान उन्हें बम के विभिन्न प्रकार और उन्हें डिफ्यूज़ करने के तरीकों के बारे में बताया जाएगा। इस प्रशिक्षण के बाद वह बीडीयू में अपनी सेवा देंगी। राफिया सात साल पहले बतौर कॉन्सटेबल पुलिस में शामिल हुई थीं।

राफिया उच्च शिक्षित परिवार से हैं। उन्होंने कहा, खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में लगातार आतंकी हमले होते रहते हैं। सात साल पहले सेशन कोर्ट के पास ब्लास्ट हुआ था, जिसके बाद पुलिस दल में शामिल होने का फैसला लिया।

राफिया ने अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद अर्थशास्त्र में भी पोस्ट ग्रेजुएशन किया। फिर अंतरराष्ट्रीय बचाव समिति में काम किया, जहां कानून के लिए एक जुनून विकसित हुआ। अभी उन्होंने एलएलबी में एडमिशन लिया था।

पढ़ाई की बदौलत राफिया को कई कंपनियों ने जॉब ऑफर किया, लेकिन उन्होंने पुलिस बल ज्वॉइन किया। नियुक्ति के बाद राफिया ने कई इलाकों में प्रशिक्षण सत्र में हिस्सा लिया। वे इलाके उस वक्त रेड जोन घोषित थे। उन्होंने बड़ी संख्या में पुरुष पुलिसकर्मियों के साथ 10 दिन तक इन इलाकों में पेट्रोलिंग भी की।

साल 2010 में लेडी रीडिंग हॉस्पिटल के फीजिशियन डॉ. इंतिख़ाब आलम के अपहरण के बाद 48 घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था। इस इंवेस्टिगेशन टीम में राफिया इकलौती महिला सदस्य थीं।

राफिया कासिम बेग ने कहा कि पुलिस बल सिर्फ एक प्रोफेशन नहीं है। यह एक जुनून है और उन लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है, जिनमें देश के लिए भक्ति की भावना है।