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वरदा तूफान से सकते में दक्षिण, जानिए अब तक के 5 सबसे खतरनाक साइक्लोन के बारे में

वरदा तूफान को देखते हुए तमिलनाडु और आंध्र में हाई अलरट् है। आईए, आपको बताते हैं अब तक के पांच सबसे खतरनाक साइक्लोन के बारे में

Updated on: 12 Dec 2016, 03:43 PM

नई दिल्ली:

समूद्री तूफान के कहर का एक लंबा इतिहास रहा है। भारत समेत दुनिया के अनेक देशों में इन तूफानों ने कई जिंदगियां तबाह की हैं। आइए जानते हैं 5 सबसे खतरनाक साइक्लोन के बारे में। लेकिन इससे पहले कि आपको दुनिया के सबसे खतरनाक साइक्लोन के बारे में बताएं आइए जानते हैं कि आखिर साइक्लोन होता क्या है।

पश्चिमी प्रशांत महासागर में उठने वाले चक्रवाती तूफान को साइक्लोन कहते है। समुद्र में जहां कहीं तापमान ज्यादा हो जाता है वहां साइक्लोन एंटी-क्लॉकवाइज चलता है। साइक्लोन के भीतर हवा की रफ्तार 140 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।

दुनिया की 5 सबसे खतरनाक साइक्लोन

नीनो साइक्लोन

इस समूद्री तूफान ने चीन में भारी तबाही मचाई थी। 1975 में आए इस तूफान को सुपर नीनो भी कहा जाता है। इसकी रफ्तार 110 kmph की थी। इस तूफान की वजह से हुई भारी बारिश से बाढ़ आ गई जिसने त्रासदी का रूप ले लिया। इस त्रासदी ने करीब 2,29,000 लोगों की जान ले ली थी।

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भोला साइक्लोन

यह साइक्लोन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में 12 नवंबर 1970 में आया था। इससे गंगा के डेल्टा में बाढ़ आ गई। बाढ़ ने साइक्लोन को रूप धारण कर लिया और इससे लगभग 5,00,000 लोगों की मौत हो गई। 1970 के विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, इसकी चपेट में आए इलाकों को पुनर्स्थापित करने में करीब 188 अरब डॉलर का खर्च आया था।

हुगली रिवर चक्रवाती तूफान

हुगली रिवर साइक्लोन साल 1737 में आया था। इसने कलकत्ता और बांग्लादेश में तबाही मचाई थी। इसमे मरने वालों की संख्या की करीब तीन लाख थी। इस दौरान बंदरगाहों पर खड़े करीब 20 हजार जहाज बर्बाद हो गए थे।

हैपोंग टाइफून चक्रवाती तूफान

यह तूफान 1881 में वियतनाम में आई थी। इसने करीब 3 लाख लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया। साइक्लोन 27 सितंबर 1881 को शुरू हुआ था और 8 अक्टूबर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया।

कोरिंगा चक्रवाती तूफान

यह तूफान 1839 में आंध्र प्रदेश के कोरिंगा में आया था। 25 नवंबर 1839 को आए इस च्रकवाती तूफान ने करीब 3 लाख लोगों की जिंदगी चली गई। इस चक्रवाती तूफान में करीब 25 हजार जहाजों को भी बर्बाद कर दिया।