स्टार्टअप में वृद्धि बावजूद नोटबंदी से निजी क्षेत्र के विकास में रुकावट: पीएमआई
नोटबंदी के फैसले के बाद निजी क्षेत्र के विकास में बाधा उत्पन्न हो गई है। हालांकि ये आंकड़े सेवा क्षेत्र और निजी क्षेत्र में नए कारोबार में वृद्धि के बावजूद सामने आए हैं।
मुंबई:
नोटबंदी के फैसले के बाद निजी क्षेत्र के विकास में बाधा उत्पन्न हो गई है। हालांकि ये आंकड़े सेवा क्षेत्र और निजी क्षेत्र में नए कारोबार में वृद्धि के बावजूद सामने आए हैं।
सोमवार को जारी प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। निक्केई मार्केट इंडिया कंपोजिट पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) आउटपुट सूचकांक पिछले महीने गिरकर 49.1 पर रहा, जो अक्टूबर में 45 महीनों में सबसे ऊपर 55.4 पर था।
इस सूचकांक के 50 के ऊपर होना आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि का संकेत है। वहीं, 50 से कम रहने पर इसमें समग्र कमी का संकेत है।
कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स की रपट से पता चलता है कि रुपये की कमजोरी का भी उत्पादन क्षेत्र के प्रदर्शन पर असर पड़ा है।
वहीं, निक्केई इंडिया सर्विसिस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स में भी गिरावट आई है और यह पिछले महीने 46.7 पर रही, जबकि अक्टूबर में यह 54.5 पर थी।
यह जून 2015 के बाद पहली बार है, जब यह इंडेक्स इतना नीचे गया है।
आईएसएस मार्किट के अर्थशाी पॉल्याना डे लीमा ने एक बयान जारी कर कहा, "भारतीय पीएमआई सेक्टर के निराशाजनक पीएमआई आंकड़े 500 रुपये और 1000 रुपये की नोटबंदी का नतीजा हैं। नकदी की कमी के कारण व्यापार प्रभावित हुआ है।"
डे लीमा के मुताबिक, यह व्यवधान अल्पकालिक होने की उम्मीद है और बाजार में पर्याप्त नकदी उपलब्ध होने के बाद उत्पादन क्षेत्र पटरी पर लौट आएगा।