युवाओं को रोजगार नहीं मिलने पर पैदा होगी अशांति और हताशा: प्रणव मुखर्जी
आधी आबादी की उम्र 25 वर्ष से कम रहेगी। हमारे युवाओं के पास यदि नौकरी होगी तो वे हमारी परिसंपत्ति होंगे
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आने वाले सालों में देश की चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए बुधवार को कहा कि युवाओं के पास नौकरी होगी तो वो हमारी परिसंपत्ति होंगे, लेकिन देश रोजगार उपलब्ध कराने में असमर्थ रहा तो उनमें अशांति और हताशा पैदा होगी।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बुधवार को सीआईआई कौशल प्रशिक्षण केन्द्र के वार्षिक दिवस समारोह में राष्ट्रपति ने कहा, "दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश के रूप में भारत को आने वाले वर्षों में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
आधी आबादी की उम्र 25 वर्ष से कम रहेगी। हमारे युवाओं के पास यदि नौकरी होगी तो वे हमारी परिसंपत्ति होंगे। लेकिन, अगर देश रोजगार उपलब्ध कराने में कामयाब नहीं रहा तो इससे अशांति, और हताशा पैदा होगी।"
राष्ट्रपति ने कहा कि रोजगार पाने के लिए कागजी योग्यता ही पर्याप्त नहीं होगी, इसके लिए कौशल आवश्यक है। हमारे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से हर साल बड़ी संख्या में स्नातक निकलते हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर बेरोजगार रहते हैं।
हमारे युवाओं को रोजगार की जरूरत है। दूसरी तरफ, हमारे उद्योगों को भी भारी संख्या में कुशल कामगारों को खोजने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के विकसित देशों में अधिकतर आबादी अधिक उम्र वाली है। भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं तीव्र आर्थिक विकास की तरफ हैं। इसलिए हमें हर संभव तरीके से कौशल विकास को बढ़ावा देकर इस अवसर को प्रयोग में लाना चाहिए।
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