दिल्ली में होगा इंटरनेशनल बौद्धिस्ट कॉन्क्लेव का आयोजन, 39 देशों के लोग लेंगे हिस्सा
भगवान बुद्ध का जन्म भारत में हुआ था, जो धर्म दुनिया भर के अनुनायियों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ केंद्र है। यहां बुद्ध के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थल और विरासत है।
नई दिल्ली:
भारत में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विदेशी बौद्ध पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार तमाम कोशिशें कर रही है। इसके तहत सोमवार को दिल्ली में 'इंटरनेशनल बौद्धिस्ट कॉन्क्लेव' की शुरुआत की गई।
इंटरनेशनल बौद्धिस्ट कॉन्क्लेव के पांचवें सम्मेलन में 39 देशों के 285 लोग भाग ले रहे हैं। भारत में आसियान देशों के बौद्ध पर्यटक सबसे ज्यादा आते हैं। इस सम्मेलन के जरिए सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को लुभाया जाए।
कॉनक्लेव के दौरान सरकार टूर ऑपरेटर्स को प्रेजेंटेशन, घरेलू टूर ऑपरेटर्स और विदेशी टूर ऑपरेटर्स के साथ राज्यों में काम कर रहे ऑपरेटर्स से मुलाकात कराएगी। जिससे इनमें पर्यटकों की ज़रूरतों, सुविधाओं और समन्वय कराया जा सके।
इस सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने बौद्ध सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विश्व जो समस्याएं झेल रहा है, उन सबका समाधान बौद्ध धर्म में निहित है। शर्मा ने ये भी कहा कि बौद्ध धर्म के आठ सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से सात भारत में स्थित हैं।
श्रीलंका पार्लियामेंट के स्पीकर करु जयसूर्या ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत बौद्ध धर्म की भूमि है। श्रीलंका के लिए ये देश सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। सम्मेलन में बौद्ध विरासत और तीर्थ स्थलों के बारे में भी बताया गया। इसके अलावा सभा में भाग लेने वालों को प्रमुख बौद्ध स्थलों जैसे वाराणसी, सारनाथ और बोधगया भी घुमाया जाएगा।
बता दें कि दुनिया भर के अनुनायियों के लिए भारत महत्वपूर्ण तीर्थ केंद्र है। यहां बुद्ध के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थल और विरासत है।
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