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पीओके के विस्थापितों के लिये मोदी सरकार ने 2000 करोड़ के पैकैज को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) तथा गिलगिट-बाल्टिस्तान के लोगों के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा को मंजूरी दी है।

Updated on: 01 Dec 2016, 10:20 AM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) तथा गिलगिट-बाल्टिस्तान के लोगों के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा को मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने गृहमंत्रालय के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर में रह रहे 36,348 परिवारों को आर्थिक मदद मिलेगी।

ये परिवार आज़ादी के समय विस्थापित हुए थे। इस मदद के तहत प्रत्येक परिवार को लगभग साढ़े पांच लाख रुपये मिलेंगे।

इनमें से ज्यादातर पीओके से आए शरणार्थी हैं जो जम्मू, कठुआ और राजौरी जिलों के विभिन्न हिस्सों में बसे हुए हैं। हालांकि ये विस्थापित जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुसार राज्य के स्थाई निवासियों की श्रेणी में नहीं आते हैं।

इनमें से कुछ परिवार 1947 में भारत के बंटवारे के समय विस्थापित हुए थे और कुछ परिवार 1965 और कुछ 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के दौरान विस्थापित हुए थे। विस्थापित लोग लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव में वे वोट नहीं डाल सकते।

विस्थापितों का प्रतिनिधित्व कर रही जम्मू-कश्मीर शरणार्थी कार्य समिति (जेकेएसएसी) का कहना है कि सभी के इंतजाम के लिये 9,200 करोड़ रुपये की ज़रूरत है और इसे अंतिम बंदोबस्त नहीं समझा जाना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों की समस्याओं पर विचार करने के बाद मोदी सरकार ने जनवरी 2015 में शरणार्थियों के लिए कुछ रियायतों को मंजूरी देने पर विचार करने का वादा किया था।