'ऑपरेशन थंडरबोल्ट' वो सर्जिकल स्ट्राइक जिसने बचाई ढाई सौ से ज्यादा जानें
विश्व के कई देश अपने-अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक कर चुके हैं
नई दिल्ली:
28 सितंबर की रात को भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर 50 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया जिसके बाद देश-विदेश में हर तरफ इन जवानों की तारीफ हो रही है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी देश ने दूसरे देश में घुसकर अपने दुश्मनों को नेस्तोनाबूत किया हो। इससे पहले भी विश्व के कई देश अपने-अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक कर चुके हैं।
जानिए विश्व के 10 बड़े सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में
LoCपर भारतीय सेना का सर्जिक स्ट्राइक - उरी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने एलओसी के उसपार जाकर रात के अंधेरे में करीब 50 आतंकी जवानों को मौत के घाट उतार दिया और उनके सात लॉन्चिंग पैड को भी बर्बाद कर दिया।
भारतीय सेना का म्यांमार में सर्जिकल ऑपरेशन- जून 2015 में 70 इंडियन आर्मी के सैनिकों की टीम ने म्यांमार के जंगलों में सर्जिकल ऑपरेशन किया और इस 40 मिनट के ऑपरेशन में 38 नागा उग्रवादियों को मौत के घाट उतार दिया था हमले में 7 उग्रवादी गंभीर रूप से घायल भी हुए थे. ये कार्रवाई भारत के चंदेल एरिया में 18 भारतीय सैनिकों के मारने के जवाब में की गई थी जिन्हें 4 जून 2015 को नागा उग्रवादियों ने मारा था।
पाकिस्तान में घुसकर अमेरिका ने लादेन को मारा - 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए अमेरिका ने 10 साल बाद 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में घुसकर ओसामा बिन लादेन को खत्म कर दिया। इस सर्जिकल ऑपरेशन को अमेरिका के नेवी सील्स कमांडो ने अंजाम दिया था।
ऑपरेशन थंडरबोल्ट - 27 जून 1976 को फ्रांस एयरवेज की उड़ान संख्या 139 जो तेल अवीव से एथेंस होते हुए पैरिस जा रही थी। उसे आतंकियों ने हाईजैक कर लिया। विमान में उस वक्त 248 यात्री और 12 चालक दल एवं सहकर्मियों के साथ उसमें कुल 260 लोग सवार थे। इजरायली सेना के जवानों ने बंधकों को छुड़ाने के लिए 90 मिनट का ऑपरेशन चलाया जिसमें सभी आतंकवादी मारे गए और सभी यात्रियों को सकुशल बचा लिया गया। इस हमले में इजरायली सेना का सिर्फ एक अधिकारी शहीद हुआ था।
ब्लैक हॉक डॉन - साल 1993 में अमेरिकी स्पेशल फोर्स ने सोमालियाई उग्रवादी मोहम्मद फाराह एदिदि को पकड़ने के लिए एक ऑपरेशन शुरू किया जो बुरी तरह असफल रहा और इसमें अमेरिका के 2 ब्लैक हॉक डॉन हेलिकॉप्टर मार गिराए गए जिसमें 18 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी और 70 से ज्यादा सैनिक बुरी तरह घायल हो गए थे। इस असफल ऑपरेशन पर फिल्म भी बन चुकी है।
ऑपरेशन ईगल क्लॉव - नवंबर 1979 में ईरान की राजधानी तेहरान में कुछ ईरानी छात्रों ने 53 अमेरिकी नागरिकों को यूएस दूतावास में बंधक बना लिया था। बंधकों को छुड़ाने के लिए अमेरिका ने एक सीक्रेट ऑपरेशन चलाया जो असफल रहा। इस ऑपरेशन में एक अमेरिकी सेना का हेलिकॉप्टर भी क्रैश हुआ था और आग लगने की वजह से 8 अमेरिकी जवानों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी। इस ऑपरेशन में बंधकों को भी नहीं बचाया जा सका था।
ऑपरेशन निफ्टी पैकज ( पनामा) - 1989 में यूएस नेवी सील ने पनामा के डायरेक्टर मैनुएल नोरिएगा को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू किया जिसमें दोनों तरफ से भारी गोलीबारी होने के बाद नौरिएगा ने नेवी सील के सामने सरेंडर कर दिया था।
खालिद शेख के लिए अमेरिका का मिशन - साल 2003 में अमेरिकी एजेंसी सीआईए ने 2001 में हुए आतंकी हमले के संदिग्ध शेख मोहम्मद को पकड़ने के लिए पाकिस्तना के रावलपिंडी में एक ऑपरेशन चलाया था जिसमें
शेख मोहम्मद के साथ ही 2 अन्य संदिग्धों को भी सीआईए ने पकड़ा था और उन्हें पूछताछ के लिए ग्वांतानामो लेकर चली गई थी।
अबू मुसाब अल जरकावी - साल 2006 में यूएस एयर फोर्स ने ईराक में सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए आतंकी संगठन अल कायदा के ईराक प्रमुख जरकावी को मारने के लिए उसके सबसे सुरक्षित घर पर करीब 500 पाउंड के बॉम्ब गिराए थे जिसमें जरकावी मौके पर ही मारा गया था।
बे ऑफ पिग इनवेजन - साल 1961 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने सीआईए की अगुवाई में बे ऑफ पिग में फिडेल कास्त्रों सरकार को गिराने के लिए एक ऑपरेशन चलाया था जिसे बुरी तरह असफल कर दिया गया। इस मिलिट्री ऑपरेशन का बहुत ही खराब अंत हुआ था जिसमें 100 से ज्यादा सैनिक मारे गए और 1200 सैनिकों को बंधक बना लिया गया था। इतिहास में ये घटना बे ऑफ पिग इनवेजन के नाम से जाना जाता है।
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