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यूएन महासभा में फिर नवाज शरीफ रोएंगे कश्मीर का रोना!

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बुधवार को एक बार फिर यूएन में कश्मीर राग दोहराएंगे

Updated on: 21 Sep 2016, 12:11 PM

New Delhi:

जम्मू कश्मीर के उरी में आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तान अपनी हरकतों पर पर्दा डालने के लिए यूएन में कश्मीर राग अलापने की तैयारी कर रहा है। यूएन महासभा की मीटिंग में पूरी संभावना है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बुधवार को एक बार फिर कश्मीर राग दोहराएंगे।

जबकि पूरा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस बात को अच्छी तरह जानता और समझता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को भारत में अशांति और अस्थिरता फैलाने के लिए एक हथियार की तरह इस्तेमाल करता है और यही वजह है कि अमेरिका पाकिस्तान के जम्मू कश्मीर पर यूएन के जनमत संग्रह के प्रस्ताव पर कई बार खरी-खरी सुना चुका है कि इस मुद्दे को भारत-पाकिस्तान को मिलकर ही सुलझाना पड़ेगा।

इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान अलग-अलग अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर विवाद का मसला उठा चुका है लेकिन उसे हर बार इसमें मुंह की ही खानी पड़ी है और मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी पाकिस्तान को कड़े शब्दों में संदश देते हुए कहा है कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ होने वाले छद्दम युद्ध को हर हालत में रोकना होगा। 

1. पाकिस्तान ने बीते रविवार को हुए निर्गुट देशों के शिखर सम्मेलन में भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था और भारत पर आरोप लगाया था कि 60 साल बीत जाने के बाद भी भारत ने जम्मू कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार नहीं दिया है जबकि सच्चाई ये है कि पाकिस्तान अपने ही प्रांत ब्लूचिस्तान में लोगों से दुश्मनों की तरह व्यवहार करता है और उनपर अमानवीय रूप से शासन करता है।

2.पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने का मुद्दा भी बीते समय संयुक्त राष्ट्र के सामने उठाया था और संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख बान की मून को चिट्ठी लिखकर आतंकी बुरहान की मौत को मानवाधिकार का उल्लंघन बताया था जिसपर उस वक्त भी संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा था ये द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे दोनों देशों को मिलकर ही सुलझाना होगा।

जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार ने संसद में एक प्रस्ताव भी पारित किया है जिसमें जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया है इसके साथ ही प्रस्ताव में पीओके यानि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भी भारत का हिस्सा बताया गया है जिसपर पाकिस्तान कब्जा किए हुए है।

उरी में हुए आतंकी हमले में जिसमें 18 जवानों के शहीद होने के बाद भारत सरकार और विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को आतंकी देश और हर अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर अलग-थलग करने की रणनीति पर काम कर रही है। वहीं दूसरी तरफ उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के पड़ोसी देश रूस और जापान ने आतंक के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है और अमेरिकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री भी पाकिस्तान की इस हरकत पर उसे कड़ी फटकार लगा चुके हैं।