सीबीईसी ने जीएसटी के तहत वस्तुओं के टैक्स स्लैब तय करना शुरू किया
दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद में मतभेद के बावजूद सरकार को उम्मीद है कि इसे 1 अप्रैल 2017 से लागू कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली:
दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद में मतभेद के बावजूद सरकार को उम्मीद है कि इसे 1 अप्रैल 2017 से लागू कर दिया जाएगा। इसे देखते हुए केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने चार टैक्स स्लैब के अंतर्गत वस्तुओं को डालने की कवायद शुरू कर दी है।
सीबीईसी के अध्यक्ष नजीब शाह ने जीएसटी पर कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया एसोसिएटेड चैम्बर्स (एसोचैम) द्वारा आयोजित सम्मेलन में यहां कहा, "हमने विभिन्न टैक्स स्लैब में माल को डालने की कवायद शुरू कर दी है। इसे जीएसटी परिषद से साझा किया जाएगा। मैं समझता हूं कि एक अप्रैल 2017 की डेडलाइन तक यह लागू हो जाएगा तथा दोहरे कर नियंत्रण के मुद्दे को हल कर लिया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि दोहरे नियंत्रण या क्रास एमपॉवरमेंट के मुद्दे (जो करदाताओं आकलन केंद्र सरकार करे या राज्य सरकार करे या दोनों मिलकर करें। इस बारे में है) पर परिषद में इतना समय नहीं लगना चाहिए।
उन्होंने कहा, "सरकार स्पष्ट है कि केवल एक सरकार के हाथ में ही नियंत्रण होगा। हमें उम्मीद है कि संसद के वर्तमान सत्र में जीएसटी कानूनों को रखा जाएगा। मुझे नहीं पता कि राजनीतिक दल इसे किस तरह से अंजाम देंगे। लेकिन जीएसटी एक वास्तविकता है।"
जीएसटी के लिए एक एकल दर से इनकार करते हुए शाह ने कहा कि हालांकि नोटबंदी के मद्देनजर जीएसटी दर संरचना की समीक्षा की जा सकती है।
उन्होंने कहा, "खाद्य तेल और कारों, आटा और कंप्यूटर के लिए एक दर कैसे हो सकता है। दर की बहुलता एक मजबूरी है जो कि आर्थिक और राजनीतिक दोनों है।"
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